सड़कों पर बने खतरनाक स्पीड ब्रेकर के झटके बढ़ा रहे कमर दर्द, सता रहा सर्वाइकल
कभी गलियों में तो कभी सपाट सड़कों पर स्पीड ब्रेकर के झटके लोगों को कमर दर्द का मरीज बना रहे हैं। सर्वाइकल की बीमारी की जड़ बन रहे हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : कभी गलियों में तो कभी सपाट सड़कों पर स्पीड ब्रेकर के झटके लोगों को कमर दर्द का मरीज बना रहे हैं। सर्वाइकल की बीमारी की जड़ बन रहे हैं। रात में ये ब्रेकर सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं और हर समय बड़े हादसे का खतरा रहता है। हल्द्वानी में पांच से छह दुर्घटनाएं रोजाना होती है और ऐसे में कई बार लोग दम तोड़ देते हैं। मानकों के विपरीत बनाए गए स्पीड ब्रेकर जनता के लिए सिरदर्द बने हैं और सिस्टम बेफिक्र है।
केस-1 : चौक बाजार
यहां चौराहे के पास बने ब्रेकर और ट्रैफिक की दिक्कत से आए दिन लोग चोटिल हो जाते हैं। मानक के विपरीत बने ब्रेकर रात के वक्त अधिक परेशान करते है। यहां ब्रेकर की बजरी भी बिखरी है, जिससे कई बार दोपहिया वाहनों के रपटने का खतरा रहता है।
केस 2 : रेलवे बाजार रोड
रेलवे बाजार रोड पर बने स्पीड ब्रेकर से पूरे मोहल्ले के लोग परेशान हैं। कई को हडडी का दर्द हो चुका है। यहां उबड़-खाबड़ बने स्पीड ब्रेकर पर जब भी कोई बाइक सवार गुजरता है तो बिना फिसले आगे नहीं बढ़ पाता।
केस 3 : समता आश्रम गली
पात कॉम्प्लेक्स रोड पर बने स्पीड ब्रेकर काफी बड़े हैं। यहां तेज रफ्तार में अनजान व्यक्ति बिना गिरे नहीं निकल पाता। रात के वक्त अक्सर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। बच्चे भी चोटिल हो चुके हैं। रात को इस गली में अंधेरा रहता है और खतरा ज्यादा।
केस 4 : ठंडी सड़क
तिकोनिया स्थित ठंडी सड़क पर जगह-जगह बने स्पीड ब्रेकरों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। तेज रफ्तार बाइक आने पर बाइक पलटने का अक्सर खतरा बना रहता है। इन ब्रेकरों को काफी ऊंचा किया गया है। इससे चार पहिया चालक भी परेशान रहते हैं।
ये हैं स्पीड ब्रेकर के नियम
- स्पीड ब्रेकर की ऊंचाई 10 सेंटीमीटर, लंबाई 3.5 मीटर होनी चाहिए
- वृताकार क्षेत्र यानी कर्वेचर रेडियस 17 मीटर होना चाहिए
- स्पीड ब्रेकर आने से 40 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड होना चाहिए
- हाईवे पर गोल व ऊंचाई का स्पीड ब्रेकर होना चाहिए
- स्पीड ब्रेकर पर थर्माेप्लास्टिक पेंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए।
- स्कूल और अस्पताल से भी कुछ दूरी पर स्पीड ब्रेकर कम ऊंचाई के बनाए जाते हैं।
बढ़ रहे सर्वाइकल और कमर दर्द के रोगी: डॉ. खोलिया
वरिष्ठ हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. पीएच खोलिया ने बताया कि मौजूदा समय में ओपीडी प्रतिदिन की 200 के आसपास है। जिनमें कमर दर्द के 25-30 और सर्वाइकल के 10 मरीज पहुंचते हैं। इसका कारण स्पीड ब्रेकर व सड़क के गड्ढे हैं। साथ ही पोस्चर को लेकर भी दिक्कत होती है।
मानक विपरीत स्पीड ब्रेकर से दिक्कतें
- वाहन पर सवार व्यक्ति के शरीर और हड्डियों पर पड़ता है प्रभाव
- स्पांडिलाइटिस, स्लिप डिस्क का खतरा बढ़ जाता है
- ब्रेकर से रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है विपरीत प्रभाव
- गर्भवती को सबसे अधिक दिक्कत होती है
कुछ ऐसे छलका दर्द
मेरी माताजी को स्पीड ब्रेकर की वजह से ही कमर दर्द हो गया। इस गली में बेतरतीब ब्रेकर ने उन्हें रोगी बना दिया। मानकों के विपरीत बने ब्रेकर को हटना चाहिए।
- रजत माहेश्वरी, रामपुर रोड हल्द्वानी
मेरी यहां कपड़े की दुकान है। गली में बने इन ब्रेकरों की वजह से मुझे सर्वाइकल की प्रॉब्लम हो गई है। बेतरतीब तरीके से बने ब्रेकर हटने चाहिए।
- बृजेश सिंह, नया बाजार
बुढ़ापे में अब ज्यादा चला नहीं जाता। मगर जब भी बेटे के साथ बाइक पर जाता हूं तो सड़कों के यह ब्रेकर काफी तकलीफ देते हैं। इनकी वजह से पूरा मोहल्ला परेशान है।
- मुतलिब अहमद, कंपनीबाग
मुझे लंबे समय से सर्वाइकल की प्राब्लम से ग्रसित हूं। मोहल्लों में बने मनमाने ब्रेकर से पहले रीढ़ की हड्डी का दर्द था और अब सर्वाइकल की समस्या बढ़ गई है।
- अरशद, बनभूलपुरा
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