विशेषज्ञों ने मानी बात, बलियानाला में भूस्खलन नैनीताल के लिए बड़ा खतरा
हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बलियानाला भूस्खलन के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की टीम नैनीताल पहुंच गई है।
नैनीताल (जेएनएन) : हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बलियानाला भूस्खलन के अध्ययन के लिए विशेषज्ञों की हाईपावर कमेटी नैनीताल पहुंच गई है। टीम के सदस्यों ने पहले नैनीताल क्लब में ट्रीटमेंट की विस्तृत डीपीआर को लेकर मंथन किया। फिर भूस्खलन क्षेत्र का मौका मुआयना किया। विशेषज्ञों ने स्वीकार किया कि बलियानाला में भूस्खलन नैनीताल के लिए बड़ा खतरा है।
मंगलवार को एफआरआइ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजेंद्र, आइआइटी रुड़की के डॉ. सत्येंद्र मित्तल, आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण केंद्र के केएस सजवाण, लोनिवि के मुख्य अभियंता केपी जोशी, सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता एमसी पांडे, एसई सिंचाई एनएस पतियाल, ईई हरीश चंद्र सिंह, लोनिवि ईई चंदन सिंह नेगी, एई प्रिया जोशी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेष कुमार ने नैनीताल क्लब में बैठक की। विशेषज्ञों ने बताया कि बलियानाला के पानी को चैनलाइज करना होगा। गहन अध्ययन व तकनीकी विशेषज्ञों के आंकलन के बाद ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी। यदि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की जरूरत महसूस होगी, तो वह भी ली जाएगी। ड्राफ्ट रिपोर्ट जल्द ही हाई कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।
भूस्खलन से दरकी सड़क बनी कृष्णापुर क्षेत्र की मुसीबत
नगरपालिका क्षेत्र के कृष्णापुर वार्ड की मुख्य समस्या सड़क व बिजली की कमी है। बलियानाला भूस्खलन की चपेट में कृष्णापुर को जाने वाला कंक्रीट मार्ग भी आ गया था, जिससे इलाके की पांच हजार की आबादी को 18 किलोमीटर का चक्कर लगाकर वाहन से या पैदल ही खतरनाक रास्ते से नैनीताल आवागमन करना पड़ रहा है। कृष्णापुर वार्ड में कुल वोटर 1707 हैं, जिसमें से 832 महिलाएं हैं। कुछ माह पूर्व क्षेत्रवासियों ने मिलकर श्रमदान कर रास्ते का निर्माण किया था। अभी यह काम अधूरा ही है।