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Solar eclipse 2024 के दौरान Aries के विज्ञानियों ने किया ऐसा अध्‍ययन, अब खुलेंगे अनसुलझी गुत्थियों के रहस्य

Solar eclipse 2024 इस अध्ययन से कोरोना की अनसुलझी गुत्थियों के रहस्य सामने आ सकेगा। इस अध्ययन में एरीज के साथ भारतीय मूल के अन्य सौर विज्ञानी भी शामिल रहे। उम्मीद है कि यह अध्ययन सूर्य के बारे में कुछ नए रहस्य उजागर कर सकेगा। टेक्सास काटन डलास के बाउल स्टेडियम में दस हजार से अधिक लोग सूर्यग्रहण अवलोकन के लिए कई देशों से पहुंचे हुए थे।

By kishore joshi Edited By: Nirmala Bohra Published: Wed, 10 Apr 2024 01:38 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2024 01:38 PM (IST)
Solar eclipse 2024 के दौरान Aries के विज्ञानियों ने किया ऐसा अध्‍ययन, अब खुलेंगे अनसुलझी गुत्थियों के रहस्य
Solar eclipse 2024: कोरोना की आंतरिक गतिशीलता का रहस्य खोलेंगे एरीज के विज्ञानी

जासं, नैनीताल: Solar eclipse 2024: आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के विज्ञानियों की टीम ने पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सास में उच्च आवृत्तियों पर आंतरिक कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन किया। इस अध्ययन से कोरोना की अनसुलझी गुत्थियों के रहस्य सामने आ सकेगा। इस अध्ययन में एरीज के साथ भारतीय मूल के अन्य सौर विज्ञानी भी शामिल रहे।

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मंगलवार को एरीज निदेशक व आदित्य एल-1 साइंस ग्रुप कमेटी के सह अध्यक्ष प्रो. दीपांकर बनर्जी ने फोन पर हुई वार्ता में बताया कि भारतीय समयानुसार रात 9:12 बजे से शुरू हुए सूर्यग्रहण में चार मिनट 27 सेकेंड तक पूर्ण ग्रहण की स्थिति रही। यह दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण था और वैज्ञानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण घटना भी। इस अवसर के प्रत्येक क्षण के अध्ययन के लिए वह अपनी टीम के साथ तैयार थे।

ग्रहण के शुरुआत में कुछ समय के लिए बादल छाने लगे, जो बाद में हट गए। तत्पश्चात पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान ही सौर कोरोना के एक हाई फ्रिक्वेंसी नैरोबैंड की प्रत्येक तस्वीरों को कैमरे मे उतारना शुरू किया। इस अध्ययन से सूर्य के कोरोना के उच्च-आवृत्ति दोलन और परिवर्तनीय घटनाओं की जांच कर सकते हैं। उम्मीद है कि यह अध्ययन सूर्य के बारे में कुछ नए रहस्य उजागर कर सकेगा। आगे की जांच में कुछ समय बाद इसका पता चलेगा।

प्रो. बनर्जी ने बताया कि टेक्सास काटन डलास के बाउल स्टेडियम में दस हजार से अधिक लोग सूर्यग्रहण अवलोकन के लिए कई देशों से पहुंचे हुए थे। जिनमें वैज्ञानिकों समेत पेशवर अधिक थे, जो अपनी दूरबीनों के साथ मौजूद थे। यह स्थल अंतराष्ट्रीय स्तर का सार्वजनिक आउटरीच कार्यक्रम भी था। प्रो. बनर्जी के साथ डा. एस कृष्णा प्रसाद व डा टीएस कुमार के अलावा अमेरिका में कार्यरत भारत के पूर्व छात्र रितेश पटेल, सुभमोय चटर्जी और विभूति कुमार झा अध्ययन में शामिल हुए थे।

पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान ही संभव अध्ययन

प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि सूर्य के कोरोना को सामान्य स्थिति में देख पाना संभव नही है। इसे पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान ही देखा जा सकता है। कोरोना सूर्य का बाहरी वातावरण है, जो सूर्य की सतह के तापमान से कई गुना अधिक गर्म रहता है। तापमान की इस असमान्य रहस्य को समझने के लिए एकमात्र अवसर पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान मिलता है।


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