जागरण संवाददाता, नैनीताल : सूर्य की सतह पर सबसे बड़े आकार की जितनी बड़ी ज्वालाएं पिछले साल उठी थी, उतनी इस वर्ष मार्च तक उठ चुकी हैं। इस समय सूर्य जिस कदर सक्रिय है उससे आशंका जताई जा रही कि इस सौर चक्र में पिछले कई रिकॉर्ड टूटेंगे।
इधर, एक और एक्स श्रेणी की ज्वाला से कई देशों में शार्ट वेब रेडियो ब्लैक आउट असर देखने को मिला है। शुक्रवार को सूर्य की सतह पर बने आठ सौर स्पाट भी विस्फोट का संकेत देते प्रतीत हो रहे हैं।
अभी सूर्य की सतह पर आठ सन स्पाट ग्रुप
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पूर्व सौर विज्ञानी डा. वहाबुद्दीन ने बताया कि सूरज पर एक और एक्स श्रेणी की ज्वाला उठी है। इसका असर व्यापक रूप से ध्रुवीय प्रदेशों में अरोरा यानी रंग बिरंगी रोशनी के रूप में देखने को मिलेगा।
अभी सूर्य की सतह पर आठ सन स्पाट ग्रुप बने हुए हैं। जिनसे बड़ी ज्वालाएं उठने की आशंका से इन्कार नही किया जा सकता है। दुनियाभर के सौर विज्ञानियों की नजर इन पर बनी हुई हैं। इस सौर चक्र में सूर्य जिस कदर सक्रिय हुआ है, इसकी उम्मीद विज्ञानियों को भी नही थी।
जबकि अनुमान लगाया जा रहा था कि यह सौर चक्र सामान्य रूप से सक्रिय रहेगा। मगर सूर्य अपेक्षा से कहीं अधिक सक्रिय हो चला है, जबकि इसका चरम पर आना अभी बाकी है। यह 25वां सौर चक्र चल रहा है। गुरुवार को हुए विस्फोट से आस्ट्रेलिया समेत दक्षिण पूर्वी एशिया में शार्ट वेव रेडियो ब्लैकआउट हुआ था।
कई बार नुकसान पहुंचा चुके हैं सौर तूफान
भू चुंबकीय सौर तूफान सेटेलाइट, विद्युत व इलेक्ट्रानिक उपकरणों के लिए बड़ा खतरा तो हैं ही ये हवाई सेवाओं में भी व्यवधान उत्पन्न कर देते हैं। पूर्व में कई बार नुकसान पहुंचा भी चुके हैं। इसी वर्ष चार फरवरी को स्पेस एक्स के स्टारलिंक के सेटेलाइट को बड़ा नुकसान पहुंचा चुके हैं। इस स्टारलिंक से तीन फरवरी को 49 सेटेलाइट लांच किए गए थे और चार फरवरी को वह सौर तूफान का शिकार हो गए।
2019 में शुरू हुआ चालू सौर चक्र
वर्तमान सौर चक्र 2019 में शुरू हुआ और 2030 तक रहेगा। इस चक्र में सक्रियता 2022 से बढ़नी शुरू हुई थी, जो निरंतर बनी हुई है। 2025 में सौर सक्रियता चरम पर रहने का अनुमान है। 11 वर्षीय सौर चक्र की गणना 1755 से शुरू हुई। तबसे अभी तक 24 सौर चक्र बीत चुके हैं।