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एसओ ने खुद के साथ हुए साबर क्राइम का दर्ज नहीं कराया मुकदमा

आपने ऐसे तमाम मामले सुने होंगे जिनमें पुलिस पर पीडि़त पक्ष का मुकदमा दर्ज नहीं करने के आरोप लगते हैं। लेकिन एक मामला इससे बिल्कुल अलग है। यहां तो पुलिस अधिकारी ने खुद के साथ हुए साइबर क्राइम का मुकदमा ही दर्ज नहीं कराया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 06:25 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 06:25 PM (IST)
एसओ ने खुद के साथ हुए साबर क्राइम का दर्ज नहीं कराया मुकदमा
एसओ ने खुद के साथ हुए साबर क्राइम का दर्ज नहीं कराया मुकदमा

जागरण संवाददाता, काशीपुर : आपने ऐसे तमाम मामले सुने होंगे, जिनमें पुलिस पर पीडि़त पक्ष का मुकदमा दर्ज नहीं करने के आरोप लगते हैं। लेकिन एक मामला इससे बिल्कुल अलग है। यहां तो पुलिस अधिकारी ने खुद के साथ हुए साइबर क्राइम का मुकदमा ही दर्ज नहीं कराया। यह मामला काशीपुर के आइटीआइ थाने का है। एसओ विद्यादत्त जोशी की फेक फेसबुक आइडी बनाकर ठगों ने तमाम लोगों से पैसे मांगे। इसकी भनक लगने पर एसओ ने इसकी सूचना साइबर सेल को देकर इतिश्री कर ली, जबकि नियमानुसार इस अपराध का मुकदमा आइटीआइ थाने में ही दर्ज होना चाहिए था।

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इस घटना को हुए दो महीने का लंबा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक आरोपित को पकडऩा तो दूर मुकदमा ही दर्ज नहीं हो सका है। बीती 22 मई को एसओ आइटीआइ विद्यादत्त जोशी ने इंटरनेट मीडिया पर उनकी फेक फेसबुक आइडी बनाकर रुपये मांगे जाने की जानकारी दी थी। बताया था कि शातिरों ने उनकी फेसबुक आइडी के जरिये मैसेंजर से 15,000 रुपये की डिमांड एक व्यक्ति से की है। साथ ही अगले दिन शाम तक पैसे वापस लौटने का झांसा दिया है। उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो वह चोंक उठे।

इधर कानून के जानकारों का कहना है कि इस घटना की रिपोर्ट आइटीआइ थाने में ही दर्ज होनी चाहिए थी क्योंकि यह अपराध की श्रेणी में आता है। साइबर क्राइम के प्रति इस तरह की अनदेखी कभी पुलिस को ही भारी पड़ सकती है। इधर थाने के सूत्रों के अनुसार थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी इस मामले को शुरू से ही अनावश्यक मानकर चल रहे थे। मामला दर्ज कर वह अनावश्यक अपराध का ग्राफ नहीं बढ़ाना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने घटना का मुकदमा ही दर्ज नहीं कराया।

एसओ विद्यादत्त जोशी से जब भी इस मामले में पूछा गया तो वह टालते रहे। अब लगभग दो महीने का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक एसओ ने मामले की रिपोर्ट दर्ज नहीं की है। सीओ अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि इस तरह के मामले लाइट क्राइम की कैटेगरी में आते हैं। नियमानुसार इस प्रकरण में कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा करने के लिए जरूरी है कि जिसके साथ घटना हुई वह कार्रवाई चाहता हो। इधर एसओ विद्यादत्त जोशी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।


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