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चार सप्ताह बाद भी ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से उठ रहा धुआं

गौलापार ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से चार सप्ताह बाद भी धुआं उठ रहा है। अंदर से सुलगते कूड़े से लगातार जहरीला धुआं सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 02:05 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 02:05 AM (IST)
चार सप्ताह बाद भी ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से उठ रहा धुआं
चार सप्ताह बाद भी ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से उठ रहा धुआं

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गौलापार ट्रंचिंग ग्राउंड के कूड़े से चार सप्ताह बाद भी धुआं उठ रहा है। अंदर से सुलगते कूड़े से लगातार जहरीला धुआं सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। इससे आसपास के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। श्वांस रोगियों को सर्वाधिक परेशानी हो रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नगर निगम को एक बार फिर चेताते हुए कहा है कि दो दिन में धुआं उठना बंद नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा।

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चार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले ट्रंचिंग ग्राउंड में 26 अक्टूबर को अचानक आग धधक गई थी। कूड़े से उठती ऊंची लपटों को निगम ने पानी का छिड़काव कर काबू कर लिया, लेकिन धुआं अब भी उठ रहा है। दो सप्ताह पहले स्थानीय प्रतिनिधियों ने ट्रंचिंग ग्राउंड में धरना देकर कूड़ा वाहनों को रोक दिया था। नगर निगम ने बाउंड्री वाल का काम पूरा कराकर ट्रंचिंग ग्राउंड में सीसीटीवी लगाने की बात की। दो सप्ताह बाद भी इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। अभी तक केवल बिजली का कनेक्शन पहुंच पाया है। लोगों की परेशानी

केस-1

इंदिरानगर बड़ी मस्जिद के पास रहने वाले शमशाद हुसैन (62) अस्थमा के रोगी हैं। धुएं के कारण उनका सांस लेना मुश्किल हो जाता है। जब धुआं बढ़ता है तो वह घर से निकलकर सांस लेने के लिए खुली जगह की तरफ भागते हैं। केस-2

बड़ी मस्जिद निवासी सफी अहमद (60) भी श्वास के रोगी है। वह इनहेलर लेते हैं। शाम के समय जब हवा के साथ जहरीला धुआं आता है तो उनकी परेशानी बढ़ जाती है। केस-3

इंदिरानगर निवासी वाहिद हुसैन (55) का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्होंने कुछ समय पहले गले की बीमारी का इलाज कराया है। जैविक, अजैविक कूडे़ से उठने वाले धुएं से उनका तकलीफ बढ़ने लगती है। जनप्रतिनिधियों की बात

धुएं से इंदिरानगर के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। नगर निगम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहा है। दो दिन में धुआं उठता बंद नहीं हुआ तो फिर आंदोलन होगा।

-रईस वारसी गुड्डू, पार्षद वार्ड 59 पिछले दिनों नगर निगम ने 24 घंटे में आग को काबू करने का आश्वासन दिया था। दो सप्ताह बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है। हमें फिर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

- शकील अंसारी, पार्षद वार्ड 31 निगम प्रशासन की नजर में आम लोगों की सेहत की कोई अहमियत नहीं है। धुएं से बुजुर्गो को श्वांस संबंधी परेशानी झेलनी पड़ रही है। निगम जल्द कुछ नहीं करना तो हम आंदोलन करेंगे।

-ताफीक अहमद, संरक्षक इंदिरानगर जन विकास समिति निगम का एक और दावा

कुछ जगह पर हल्का धुआं उठ रहा है। पानी का छिड़काव किया जा रहा है। बाउंड्री वाल का काम लगभग पूरा है। बिजली कनेक्शन ले लिया है। बाउंड्री वाल के ऊपर तार बाड़ होनी है। इसके बाद सीसीटीवी लगाए जाने हैं।

-डा. मनोज काडपाल, नगर स्वास्थ्य अधिकारी विशेषज्ञ की बात

कूड़ा जलने की वजह से वातावरण में हाइड्रोकार्बन के पार्टिकुलेट फैल जाते हैं। इससे अस्थमा अटैक होने का खतरा रहता है। जो पहले से ही श्वास रोगी हैं, उनमें बीमारी बढ़ने का भी खतरा रहता है। इसलिए इस तरह के खतरनाक धुएं से बचना चाहिए।

डा. गौरव सिंघल, वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ, नीलकंठ अस्पताल


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