मेडिकल कॉलेजों में अब स्किल लैब अनिवार्य, एमबीबीएस के स्टूडेंट्स प्रैक्टिकल कर सीखेंगे
राजकीय मेडिकल कालेजों में अब अनिवार्य रूप से स्किल लैब बनानी होगी। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने गाइडलाइन तैयार कर दी है। वहीं नए मेडिकल कालेज को अनुमति से पहले इस लैब को तैयार करना होगा।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : राजकीय मेडिकल कालेजों में अब अनिवार्य रूप से स्किल लैब बनानी होगी। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने गाइडलाइन तैयार कर दी है। वहीं, नए मेडिकल कालेज को अनुमति से पहले इस लैब को तैयार करना होगा। अब कालेज स्किल लैब को स्थापित करने की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसा करने से एमबीबीएस के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल प्रशिक्षण लेने में असानी होगी।
दरअसल मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के समय यह नियम अनिवार्य नहीं था। इसलिए अधिकांश मेडिकल कालेज प्रबंधन इस तरह की लैब को लेकर ध्यान नहीं देते थे। अब नेशनल मेडिकल कमीशन बन गया है। सभी मेडिकल कालेजों को एनएमसी की नई गाइलडलाइन भेज दी गई है। इस नियम में स्किल लैब को अनिवार्य कर किया गया है। ऐसा करने से एमबीबीएस के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल प्रशिक्षण लेने में असानी होगी।
ये होगा लैब में
स्किल लैब में मैनीक्वींस रखे जाएंगे। मैनीक्वींस एक तरह का शारीरिक स्ट्रक्चर है, जिसमें मेडिकल के छात्र-छात्राएं और डाक्टर इंजेक्शन लगाने से लेकर डिलीवरी कराने तक का प्रशिक्षण लेते हैं।
लैब स्थापित करने को चाहिए ढाई करोड़
स्किल लैब स्थापित करने के लिए एनएमसी ने करीब पांच हजार स्क्वायर फीट एरिया तय करने का मानक बनाया है। इस लैब को बनाने के लिए करीब ढाई करोड़ का खर्चा है।
जानिए क्या कहा प्रचार्यों ने
राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्राचार्य डा. सीपी भैंसोड़ा ने बताया कि एनएमसी के नए नियम की जानकारी मिल गई है। स्किल लैब बनाने की तैयारी की जा रही है। मैनीक्वींस हमारे पास पहले से हैं। अब इसे एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। राजकीय मेडिकल कालेज अल्मोड़ा के प्राचार्य डा. आरजी नौटियाल ने कहा कि नए मेडिकल कालेजों के लिए भी स्किल लैब अनिवार्य है। इसलिए इस लैब को बनाने के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। एनएमसी के निरीक्षण तक हम इस लैब को बना लेंगे।
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