छह घंटे ठप रहा सर्वर, आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनने लगा सिरदर्द, बुजुर्गों को घंटों इंतजार के बाद जाना पड़ा वापस
कभी सर्वर की दिक्कत तो कभी अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ रहा है। मंगलवार को करीब छह घंटे तक सर्वर ठप रहने के कारण कई लोगों को बिना गोल्डन कार्ड बने ही घर वापस लौटना पड़ा। योजना के तहत कार्मिकों पेंशनर्स के लिए गोल्डन कार्ड अनिवार्य किया गया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए गोल्डन कार्ड बनवाना अब टेढ़ी खीर साबित होने लगा है। कभी सर्वर की दिक्कत तो कभी अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ रहा है। मंगलवार को करीब छह घंटे तक सर्वर ठप रहने के कारण कई लोगों को बिना गोल्डन कार्ड बने ही घर वापस लौटना पड़ा। राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत राजकीय कार्मिकों और पेंशनर्स के लिए गोल्डन कार्ड अनिवार्य किया गया है। हल्द्वानी कोषागार में इसके लिए बाकायदा एक शिविर लगाया गया है। लेकिन शायद ही ऐसा कोई दिन होगा जिस दिन लोगों को गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए घंटों इंतजार न करना पड़ रहा हो। बीते दिनों एडीएम कैलाश टोलिया द्वारा शिविर का औचक निरीक्षण करने के बाद व्यवस्थाएं सुधारने को कहा था। लेकिन मंगलवार को आलम ये रहा कि सुबह सात बजे से नंबर लगाकर बैठे कर्मचारियों और पेंशनरों का शाम पांच बजने तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाया।
अपने बुजुर्ग माता-पिता को लेकर कोषागार पहुंचे दो नहरिया निवासी आनंद सिंह बिष्ट खासा परेशान दिखे। बताया कि उन्होंने सुबह 7.25 बजे सूची में नंबर चढ़ा लिया था। उनका आठवां नंबर था। ऐसे में जल्दी गोल्डन कार्ड बन जाने की उम्मीद में वे बुजुर्ग माता-पिता के साथ लाइन में लग गए। बताया कि सुबह करीब 10 बजे शिविर शुरू हुआ। जैसे ही गोल्डन कार्ड बनते सर्वर ठप हो गया। दिनभर में महज एक घंटा बमुश्किल सर्वर चला। उनके साथ 65 वर्षीय पिता बची सिंह और 60 वर्षीय माता जानकी को भी घंटों इंतजार करना पड़ा। आनंद सिंह ने बताया कि करीब दस घंटे कोषागार में बिताने के बावजूद कोई सक्षम अधिकारी व्यवस्थाएं जांचने नहीं पहुंचा। उन्होंने इस तरह की व्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई।