निजी दौरे के बहाने राजनीतिक नब्ज टटोल गए सिसोदिया, दो दिवसीय दौरे में हुईं आस्था, मंदिर, राजनीति और निजी चर्चाएं
तराई से लेकर पहाड़ तक मंदिर से लेकर प्रमुख लोगों से चर्चा का उनका मुख्य बिंदु राजनीति ही रहा। प्रतिद्वंद्वी दलों पर भी वह निशाना साधने से नहीं चूके। अन्ना आंदोलन के समय बेहद सक्रिय भूमिका निभाने के दौरान सिसोदिया ने कुमाऊं का भी दौरा किया था।
हल्द्वानी, गणेश जोशी। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया का वैसे तो यह निजी दौरा बताया जा रहा था, लेकिन वह इस दौरे में आप के भविष्य को लेकर राजनीतिक नब्ज टटोल गए। तराई से लेकर पहाड़ तक, मंदिर से लेकर प्रमुख लोगों से चर्चा का उनका मुख्य बिंदु राजनीति ही रहा। प्रतिद्वंद्वी दलों पर भी वह निशाना साधने से नहीं चूके।
अन्ना आंदोलन के समय बेहद सक्रिय भूमिका निभाने के दौरान सिसोदिया ने कुमाऊं का भी दौरा किया था। इसके बाद से ही वह 11 व 12 दिसंबर को कुमाऊं के दो बेहद अहम जिले नैनीताल और उधमसिंह नगर के दौरे पर रहे। उनके इस प्रवास को पार्टी प्रवक्ता निजी दौरा बता रहे थे, लेकिन सवा साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर उनका भ्रमण राजनीतिक लिहाज से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया। उन्होंने तराई की राजनीति का मुख्य बिंदु माने जाने वाले शहर काशीपुर में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। वहां पर न केवल कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया बल्कि पार्टी के नए कार्यालय का उद्घाटन भी किया। राजनीतिक दृष्टि से यह दोनों कार्य जरूरी माने जाते हैं, जो पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए शुरुआती कड़ी हैं।
सिसोदिया का आस्था का केंद्र प्रसिद्ध कैंची धाम में नीम करौली बाबा के दर्शन करने का अपना अलग महत्व है। वैसे उनका कहना था, पहले भी वह मंदिर आते रहे हैं। लेकिन इस समय उपमुख्यमंत्री वहां से भी अपने प्रतिद्वंद्वी दलों को ललकारते नजर आए। कुमाऊं का सबसे बड़ा और राजनीतिक लिहाज से अहम माना जाने वाला शहर हल्द्वानी में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाना, शहर के प्रमुख लोगों से संवाद और पत्रकार वार्ता निजी दौरे से कहीं ऊपर हो चुका था। इस शहर से उन्होंने कुमाऊं ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड को अपनी राजनीतिक तौर पर उपस्थिति का एहसास भी कराया। सबसे बड़ी बात यह थी कि उन्होंने आप के भविष्य को लेकर तमाम संभावनाएं टटोली। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, पर्यटन, रोजगार, महिला सशक्तीकरण से संबंधित तमाम मुददों पर गहन मंत्रणा की। इन मुददों के जरिये मिशन 2022 को फतह करने की रणनीति पर भी पर चर्चा करते नजर आए।
उत्तराखंड की राजनीति में प्रवेश करने की योजना बना रहे आम आदमी पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले मनीष सिसोदिया का यह दौरा अन्य राजनीतिक दलों की निगाहों में भी चढ़ा रहा। भले ही अन्य दलों के नेताओं ने बाहरी तौर पर इसे लेकर कोई हलचल नहीं दिखाई, लेकिन अांतरिक तौर पर खलबली तो मच ही गई। यही वजह थी कि दूसरे दलों के नेता भी सिसोदिया के दौरे के प्रभाव का आकलन भी करते दिखे। भले ही इसका परिणाम कुछ भी रहे, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखा। उन्होंने सिसोदिया के पल-पल के इवेंट को इंटरनेट मीडिया में भुनाने की पूरी कोशिश की।