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हिन्‍दी फिल्‍मों के मश‍हूर गायक कुणाल गांजवाला को भाई पहाड़ की खूबसूरत वादियां nainital news

हिंदी कन्नड़ व बांग्ला फिल्मों के मशहूर गीतों को अपने सुरों से सजाने वाले प्रख्यात पाश्र्व गायक कुणाल गांजावाला पहाड़ की खूबसूरत वादियों के अभिभूत दिखे।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 10:18 AM (IST)
हिन्‍दी फिल्‍मों के मश‍हूर गायक कुणाल गांजवाला को भाई पहाड़ की खूबसूरत वादियां nainital news
हिन्‍दी फिल्‍मों के मश‍हूर गायक कुणाल गांजवाला को भाई पहाड़ की खूबसूरत वादियां nainital news

जागेश्वर (अल्मोड़ा) जेएनएन : हिंदी, कन्नड़ व बांग्ला फिल्मों के मशहूर गीतों को अपने सुरों से सजाने वाले प्रख्यात पार्श्‍व गायक कुणाल गांजावाला पहाड़ की खूबसूरत वादियों के अभिभूत दिखे। मायानगरी की चकाचौंध से इतर अल्मोड़ा महोत्सव के बहाने गायक कुणाल ने पहली बार देश दुनिया के 12 ज्योतिर्लिंगों में शुमार बाबा जागनाथ की नगरी देखी। पंडिताचार्यों से विचार साझा किए। जागेश्वर धाम का वैदिककालीन इतिहास व महत्व जाना। रुद्राभिषेक पूजन करा पुण्य भी कमाया।

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पुणे (महाराष्ट्र) में जन्मे कुणाल गांजावाला आज देश के मुख्य पाश्र्व गायकों में शुमार हैं। उन्होंने पहली बार कुमाऊं की वादियों खासतौर पर जागेश्वर धाम की सैर की। देववृक्ष देवदार के घने जंगलात से घिरी बाबा जागनाथ की नगरी में मंदिरन समूह और उनकी विशिष्टï स्थापत्य कला देख वह कायल हो उठे। वर्ष 2002 में फिल्म 'अब के बरस' के गीतों को अपनी आवाज दे करियर की शुरूआत करने वाले गायक कुणाल को 'मर्डर के 'भीगे होंठ तेरे...' गीत से प्रसिद्धि मिली। इसके लिए उन्हें जी सिने व आइफा अवार्ड भी मिला था। उन्होंने वर्ष 2005 में कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में 'आकाश' फिल्म से कदम रखा। अब तक कन्नड़ फिल्मों में करीब सौ से ज्यादा गीत गा चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह हिंदी सिनेमा कॅरियर में भी कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम कर चुके हैं।

मंदिरों की परिक्रमा कर लौटे अल्मोड़ा

मंदिर प्रबंधन समिति प्रबंधक भगवान भट्ट ने पाश्र्व गायक कुणाल गांजावाजा को जागेश्वर धाम का पैराणिक इतिहास, महत्ता व मान्यता के बारे में बताया। च्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर में आचार्य पं. गिरीश भट्ट, आचार्य हंसादत्त भट्ट, पं. निर्मल शास्त्री व पं. कमल भट्ट की अगुवाई में रुद्राभिषेक पूजन कराने के बाद कुणाल ने मुख्य मंदिरों की परिक्रमा की। इसके बाद अल्मोड़ा महोत्सव में प्रस्तुति देने के लिए रवाना हो गए।


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