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इंटरनेशनल शूटर की विदेशी राइफल से निकली गोली करेगी आदमखोर गुलदार को ढेर

फतेहपुर क्षेत्र में तीन माह से आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार को मारने के लिए विश्व स्तरीय शूटर विदेशी हथियारों से लैस होकर आ रहे हैं। मेरठ के शूटर सैय्यद अली कई विदेशी व देसी प्रतियोगिताओं में अपने निशानेबाजी का लोहा मनवा चुके हैं।

By Edited By: Published: Fri, 09 Oct 2020 05:05 AM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2020 09:25 AM (IST)
इंटरनेशनल शूटर की विदेशी राइफल से निकली गोली करेगी आदमखोर गुलदार को ढेर
आदमखोर गुलदार को मारने के लिए विश्व स्तरीय शूटर विदेशी हथियारों से लैस होकर आ रहे हैं।

हल्द्वानी, संदीप मेवाड़ी : फतेहपुर क्षेत्र में तीन माह से आतंक का पर्याय बने आदमखोर गुलदार को मारने के लिए विश्व स्तरीय शूटर विदेशी हथियारों से लैस होकर आ रहे हैं। मेरठ के शूटर सैय्यद अली कई विदेशी व देसी प्रतियोगिताओं में अपने निशानेबाजी का लोहा मनवा चुके हैं। शुक्रवार से उनके निशाने पर आदमखोर गुलदार रहेगा।

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मेरठ की तहसील मवाना के ग्राम अमरोली के किसान परिवार के 26 वर्षीय सैय्यद अली के खून में ही निशानेबजी है। वर्ष 2006 में मात्र छठी कक्षा में पढऩे के दौरान उन्होंने पहली बार क्लैप इजन डबल ट्रेप प्रतियोगिता में नेशनल चैंपियनशिप अवार्ड जीत लिया था। इंडियन नेशनल टीम में हरकर उन्होंने 50 से अधिक अवार्ड जीते। वर्ष 2013 में यूएई के अलेन में हुई शूटिंग की वल्र्ड कप प्रतियोगिता में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व किया था। इस प्रतियोगिता में 30 देशों के निशानेबाज आए हुए थे। देश के लिए पहला शूटिंग वल्र्ड कप जीतकर उन्होंने पूरी दुनिया को अपना लोहा मनवाया।

पिथौरागढ़ में तीन लोगों को मारने वाले आदमखोर को एक गोली में किया था ढेर

मेरठ के शूटर सैय्यद अली को आदमखोर गुलदार को मारने का दूसरा टागरेट मिला है। खास बात यह है कि उनको पहला टारगेट भी इसी साल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में तीन लोगों को मारने वाले आदमखोर गुलदार को ढेर करने का मिला था। मात्र 24 घंटे के सर्च अभियान के बाद शूटर अली ने आदमखोर गुलदार को मात्र एक गोली दागकर ढेर कर दिया था।

पिता और दादा भी रहे प्रख्यात शूटर

अंतरराष्ट्रीय शूटर सैय्यद अली के पिता सैय्यद मो. हादी भी शार्प शूटर हैं। सैय्यद मो. हादी मेरठ डिस्ट्रिक्ट राइफल एसोसिएशन की गवर्निंग बॉडी में सदस्य भी हैं। उन्होंने भी क्लैप इजन ट्रेप शूटिंग में कई अवार्ड जीते हैं। सैय्यद अली के दादा स्व. सैय्यद इक्तेदार भी ख्याति प्राप्त शूटर थे। उन्होंने वर्ष 1952 में कई लोगों को निवाला बनाने वाले 18 फीट लंबे व 880 किलो वजनी मगरमच्छ को ढेर किया था। इस विशाल मगरमच्छ को मारने के लिए उन्हें दो गली राइफल व दो गोली 12 बोर बंदूक की दागनी पड़ी थी। उस विशाल मगरमच्छ के पेट में एक ब्रिटिश नागरिक का सिर समेत कई लोगों के अंग व महिलाओं के जेवरात मिले थे।

एक किमी दूर से भी गुलदार को ढेर कर देगी अमेरिकन राइफल

सैय्यद अली अपने साथ दो अमेरिकन राइफल व एक शॉट गन लेकर आ रहे हैं। अमेरिकन राइफल की खासियत ये है कि वह एक किमी दूर तक अपने टारगेट को भेद सकती है। सैय्यद अली शूटिंग प्रतियोगिताओं में एक किमी दूर तक टागरेट को भेद भी चुके हैं। राइफल में अत्याधुनिक दूरबीन भी लगी रहेंगी। इसके साथ ही परिस्थितियों को देख सैय्यद अली रात में सर्च अभियान चला सकते हैं। रात में वह रोशनी के लिए सर्च हेल्ड लाइट का उपयोग करेंगे।


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