प्रतिष्ठा बचाने के लिए वरिष्ठ नेताओं की टिकी रहीं निगाहें, लेते रहे वोटिंग के दौरान पल-पल की खबर
वैसे तो गांवों की सरकार में दलों का सीधे हस्तक्षेप नहीं होता है फिर भी राजनीतिक दल अपने पक्ष में माहौल बनाने की पूरी कोशिश में रहते हैं।
हल्द्वानी, गणेश जोशी : वैसे तो गांवों की सरकार में दलों का सीधे हस्तक्षेप नहीं होता है, फिर भी राजनीतिक दल अपने पक्ष में माहौल बनाने की पूरी कोशिश में रहते हैं। शनिवार को तीन ब्लॉकों में हुए मतदान को लेकर भाजपा व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की निगाहें टिकी रही। खासकर वे अपने-अपने चहेते वाले क्षेत्रों की पल-पल की सूचनाएं लेते रहे।
जिले के तीन ब्लॉक हल्द्वानी, भीमताल व रामनगर में मतदान हुआ। इनमें पांच सीटें जिला पंचायत सदस्य, 110 सीटें बीडीसी सदस्य और 173 सीटें ग्राम प्रधान की हैं। भाजपा की ओर से भीमताल व नैनीताल क्षेत्र में संजीव आर्य तो हल्द्वानी में विधायक बंशीधर भगत, नवीन दुम्का के अलावा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट समेत कुछ वरिष्ठ नेता सीधे नजर बनाए हुए थे। इसका सीधा असर बूथों पर नजर आया। बस्ते लगाने वालों की संख्या भी अधिक नजर आई। कांग्रेस के कुछ नेताओं की सक्रियता दिखी। जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल भीमताल क्षेत्रों में रहे। इसके अलावा पूर्व मंत्री हरीश दुर्गापाल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख भोलादत्त भट्ट समेत कुछ अन्य नेता भी जुटे रहे। हालांकि राजनीतिक दलों के बस्ते लगाने वाले स्थानों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता कम नजर आए। इसे लेकर दोनों दलों के तर्क अलग-अलग हैं। भाजपा के कुमाऊं मीडिया प्रभारी तरुण बंसल कहते हैं कि भाजपा को लेकर लोगों में उत्साह है। कार्यकर्ता खुद ही चले आते हैं। इसलिए संख्या अधिक रही है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल का कहना है, भाजपा ने शहर के कार्यकर्ताओं की ड्यूटी गांवों में लगाई थी। जबकि कांग्रेस ने उसी गांव के लोगों को ही बस्ते पर लगाया था। इसलिए कुछ जगहों पर हमारे यहां संख्या कम होगी।