Move to Jagran APP

11 महीने के बाद एसबीआइ का पूर्व मैनेजर गिरफ्तार, जेल भेजा

ग्राहकों से पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप में एसबीआइ के पूर्व बैंक मैनेजर कानूनी शिंकजे में फंस गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 11:32 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 06:40 AM (IST)
11 महीने के बाद एसबीआइ का पूर्व मैनेजर गिरफ्तार, जेल भेजा

संस, रामनगर: ग्राहकों से पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एसबीआइ के पूर्व बैंक मैनेजर कानूनी शिकंजे में फंस गए। क्षेत्र की पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के 11 माह बाद आरोपित पूर्व मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। पीरूमदारा स्थित एसबीआइ की शाखा में तैनात मैनेजर गोपाल सिंह ने पिछले साल अगस्त में अपनी ही शाखा के पूर्व मैनेजर अमित सिंह काशीपुर निवासी के खिलाफ पांच लाख रुपये गबन करने की तहरीर दी थी। तहरीर में बताया गया था कि 27 जून 2013 से 21 जुलाई 2016 तक अमित सिंह बैंक में मैनेजर था। इसके बाद उनकी तैनाती बागेश्वर जिले के कपकोट स्थित बैंक में हुई। जहां से वह बैंक से जुड़े एक अन्य मामले में निलंबित चल रहे हैं। पुलिस ने जांच के बाद आरोपित पूर्व मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी व विश्वास का अपराधिक हनन की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। बैक मैनेजर ने बैंक की अंतरिम जांच रिपोर्ट भी पुलिस को मुहैया कराई थी। गुरुवार को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में वांछित चल रहे आरोपित को धर दबोचा। चौकी प्रभारी कवींद्र शर्मा ने बताया कि आरोपित को पीरूमदारा गांव से ही गिरफ्तार किया है। आरोपित को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।

loksabha election banner

---------------

-यह था धोखाधड़ी का पूरा मामला-

मैनेजर पर आरोप था कि उसके द्वारा ग्राहक रणवीर सिंह के केसीसी खाते से 16 सितंबर व 19 जून 2015 को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये निकाल लिए। इतना ही नहीं भुबन चंद्र पांडे ने भी अपनी पत्नी के खाते में जमा करने के लिए मैनेजर अमित को बीस हजार रुपये दिए थे, जो जमा नहीं किए गए। तीसरे खाताधारक सतवीर सिंह के केसीसी खाते से भी 19 जून 2016 को धोखाधड़ी करके 1.80 लाख रुपये की रकम निकाली थी। खाताधारकों ने जब शिकायत नए मैनेजर गोपाल सिंह से की तो जांच की गई। जिसमें पांच लाख रुपये के गबन की पुष्टि हुई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.