उत्तराखंड चुनाव 2022 : कौन हैं भाजपा ज्वाइन करने वाली उत्तराखंड महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य
उत्तराखंड चुनाव 2022 नैनीताल सीट से 2012 में पहली बार महिला विधायक चुनीं गईं सरिता आर्य का जन्म 1961 में हुआ था। वह प्रसिद्ध राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं। सरिता ने इंटरमीडिएट जीजीआइसी भवाली से किया है। इनके दो बेटे मोहित व रोहित आर्य हैं।
जागरण संवादाता, नैनीताल : उत्तराखंड चुनाव 2022 : चुनावी समर में उत्तराखंड की राजनीति इन दिनों सुर्खियों में है। पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे व नैनीताल से पूर्व विधायक संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद से नैनीताल सीट पर हलचल मची हुई है। कांग्रेस की महिला प्रदेश अध्यक्ष सरिता 2012 में इस सीट से विधायक चुनी गई थींं। लेकिन संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद से ही उन्होंने बगावती तेवर दिखा दिए थे। तभी उन्होंने साफ कर दिया था कि यदि उन्हें नैनीताल से टिकट नहीं मिला तो वह भाजपा में भी जाने से गुरेज नहीं करेंगे। वहीं आज सरिता ने बकायदा देहरादून में भाजपा पार्टी कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। जिसके बाद से नैनीताल सीट पर भाजपा से उनका टिकट पक्का माना जा रहा है।
नैनीताल सीट से 2012 में पहली बार महिला विधायक चुनीं गईं सरिता आर्य का जन्म 1961 में हुआ था। वह प्रसिद्ध राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार से आती हैं। सरिता ने इंटरमीडिएट जीजीआइसी भवाली से किया है। इनके दो बेटे मोहित व रोहित आर्य हैं। विधायक बनने से पूर्व 2003 में वह नैनीताल नगर निगम की अध्यक्ष पद पर रह चुकी हैं। नैनीताल सीट पर इससे पहले तीन बार महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ चुकी हैं पर किसी को सफलता नहीं मिल सकी।
सरिता आर्य से पहले नैनीताल सीट बीजेपी के खड़क सिंह बोहरा के पास थी। 23 साल बाद कांग्रेस को सरिता आर्य ने दोबारा सीट वापस दिलाई। इसी के फलस्वरूप उन्हें 2015 में राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में उत्तराखंड के लिए महिला अध्यक्ष चुना गया। वह महिला अधिकारों, समाजसेवा के अलावा अपनी बेबाकी के लिए जानी जाती हैं। मंत्री यशपाल आर्य व पुत्र नैनीताल विधायक संजीव की बीजेपी से कांग्रेस में वापसी पर उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। उस समय उनके साढ़े चार साल मलाई काटने वाला बयान काफी चर्चा में रहा था।
सरिता आर्य की प्रोफाइल
सरिता आर्य उम्र 59साल है । उनके पति स्व नन्द किशोर आर्य पीसीएस अधिकारी रहे हैं। उनका स्थायी निवास भूमियाधार, नैनीताल है। 2003-08 तक वह नैनीताल की चेयरमैनरहीं। जबकि 2012-17 तक कांग्रेस से विधायक रहीं। 2017 विधानसभा चुनाव में नैनीताल सीट से संजीव आर्य के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। इस चुनाव में सरिता सात हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव हारी थी। जब चुनाव से पहले संजीव अपने पिता के साथ कांग्रेस में आ गए तो सरिता ने मोर्चा खोल दिया था।