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सचिन पायलट ने कहा, बहुमत की सरकार को अनुच्छेद-370 खत्म करने का अधिकार

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र की बहुमत की सरकार को अनुच्छेद-370 को खत्म करने का अधिकार है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 08:56 AM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 08:56 AM (IST)
सचिन पायलट ने कहा, बहुमत की सरकार को अनुच्छेद-370 खत्म करने का अधिकार
सचिन पायलट ने कहा, बहुमत की सरकार को अनुच्छेद-370 खत्म करने का अधिकार

नैनीताल, किशोर जोशी : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्र की बहुमत की सरकार को अनुच्छेद-370 को खत्म करने का अधिकार है। इसके साथ ही उन्‍होंने इस बात को भी जोड़ा कि इस प्रक्रिया में कश्मीर के लोगों को भी विश्वास में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 1994 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने संसद में सर्वसम्मति से पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करने का प्रस्ताव पास किया था। उन्होंने कहा कि दुनिया के दो सौ देशों में से सिर्फ भारत में ही सकारात्मक विश्वास होता है। फिल्म, कला समेत अन्य से संबंधित संस्थानों में प्रोफेशनल को दिए जाने का समर्थन किया।

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कुमाऊं लिटरेचर फेस्टिवल एंड आर्ट हिमालयन इकोज में पहुंचे राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन विमर्श के दौरान सवालों के जवाब दे रहे थे। सचिन पायलट ने राजस्थान में दो विस क्षेत्रों में उपचुनाव के साथ ही हरियाणा, महाराष्ट्रर में कांग्रेस की जीत का दावा किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पिछले 10 दिन में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना है। जबकि महाराष्ट्रर में कांग्रेस व एनसीपी का गठबंधन मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ जज्बाती मुद्दों को उठा रही है। राजस्थान में बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर कहा कि खुद मुख्यमंत्री साफ कर चुके हैं कि बिना प्रलोभन के वह शामिल हुए हैं।

मुख्यमंत्री की रेस से बाहर करने के मकसद से बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल कराने के सवाल पर कहा कि पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी है, उसका हमेशा विनम्रता से निर्वहन किया है। हरियाणा में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के पार्टी छोडऩे को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि सियासत में हर कोई अपने हिसाब से फैसले लेता है। पायलट ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि किसी चीज पर प्रतिबंध लगाना सत्ता का आसान काम है, मगर अब नया दौर है। साहित्य, राजनीति में बदलाव आते रहते हैं।

हिमालयन इकोज ने खोले संवाद व विमर्श के दरबाजे

चौथा कुमाऊं लिटरेचर फेस्टिवल एंड आर्ट्स हिमालयन इकोज कई मायनों में यादगार बन गया है। आयोजन ने न केवल संवाद व विमर्श के माध्यम से प्रकृति, हिमालय बचाने का संदेश दिया तो नई पीढ़ी को भी अध्ययन व साहित्य लेखन का संदेश दिया। नामी लेखकों की मौजूदगी ने सरोवर नगरी को साहित्य नगरी में बदल दिया। इस आयोजन में शहर के पब्लिक स्कूलों के छात्रों ने न केवल हिस्सा लिया बल्कि मन में उठ रहे सवालों के जवाब भी हासिल किए। प्रसादा भवन में स्थानीय कला को बढ़ावा देने के लिए ऐपण का स्टॉल लगाया था। निदेशक जान्हवी प्रसाद ने सफल आयोजन के लिए प्रतिभागियों व अतिथियों का आभार प्रकट किया।


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