Move to Jagran APP

नवमी के दिन दराती से एक के बाद एक ताबड़तोड़ वार कर मां को मौत के घाट उतार दिया था वहशी बेटे ने

सात अक्टूबर 2019 की सुबह हल्द्वानी के गौलापार उदयपुर निवासी 60 वर्षीय जौमती देवी के लिए रोज की तरह ही थी। नवरात्र की नवमी का दिन था। यानी मां दुर्गा का दिन। घर और मंदिरों में देवी को पूजा जा रहा था ।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 06:43 PM (IST)
दराती से एक के बाद एक ताबड़तोड़ वार कर मां को मौत के घाट उतार दिया था वहशी बेटे ने

हल्‍द्वानी, जागरण संवाददाता : सात अक्टूबर 2019 की सुबह हल्द्वानी के गौलापार उदयपुर निवासी 60 वर्षीय जौमती देवी के लिए रोज की तरह ही थी। नवरात्र की नवमी का दिन था। यानी मां दुर्गा का दिन। घर और मंदिरों में देवी को पूजा जा रहा था । जौमती देवी घर के जरूरी काम काज निपटा रही थीं। इसी दौरान अचानक उनके बड़े बेटे डिगर सिंह ने एक के बाद एक दराती से वार कर मां का सिर धड़ से अलग कर दिया।

loksabha election banner

चीख पुकार सुनकर स्वजनों और आसपास के घरों में दहशत फैल गई। बेटे के ऊपर वहशीपन इस कदर सवार था कि कोई उसके करीब जाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था। सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों, स्वजनों व ग्रामीणों ने जब उसे कब्जे में लेने की कोशिश तो वह उनपर भी हमलावर हो उठा था। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिसकर्मियों ने उसे दबाेचा था। दो साल तक चले केस के बाद अब एडीजे कोर्ट नैनीताल मे मां के हत्यारे बेटे को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं जानलेवा हमले में आजीवन कारावास की सजा भी सुनवाई गई है।

गौलापार उदयपुर निवासी मृतका जौमती देवी उम्र 60 साल अपने संयुक्‍त परिवार के साथ रहती थीं। उनके दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम डिगर सिंह है। सात अक्टूबर 2019 को सोमवार की सुबह अचानक जैसे उसके सिर पर खून सवार हो गया हो गया। अचानक की उसने अपनी ही मां को दराती से काट डाला। एक के बाद एक वह तब तक वार करता रहा जब तक मां का सिर धड़ से अलग नहीं हो गया।

इस दौरान मौके पर खून से पूरी जमीन लाल हो गई। घटना के बाद स्वजनों में दहशत का माहौल हो गया। सूचना पर एसपी सिटी हल्‍द्वानी, सीओ लालकुआं, एसओ काठगोदाम और एसओ चोरगलिया पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जब हत्यारे बेटे को कब्जे में लेने की कोशिश की तो वह उनपर भी हमलावर हो गया। काफी मशक्कत के बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका था।

जिस दराती में मां ने लगाई थी धार लगाई, उसी से मारा

स्वजनों के मुताबिक नाश्ता करने के बाद जमुती ने दराती को पत्थर पर रगड़कर उसपर धार लगाई थी। धार तेज होने के बाद वह खेतों की ओर जाने लगी थी । कुछ देर आगे जाने के बाद वह वापस घर आ गई। घर के पिछले हिस्से में खड़े होकर उसने बहू नयना से पोते का खयाल रखने के लिए बोला। इतने में डिगर ने जमुती के हाथ से दराती छीनकर ताबड़तोड़ हमला कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी। मां की हत्या करने के बाद भी डिगर के सिर पर खून सवार था। बात दें कि डिगर सिंह दो भाइयों में बड़ा है। उसकी सबसे बड़ी बहन जानकी विवाहित है। दूसरे नंबर का डिगर था। जबकि तीसरे नंबर के भाई तारा सिंह व सबसे छोटी बहन गीता देवी का भी विवाह हो चुका है। डिगर का विवाह नहीं हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.