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बेतरतीब विकास और राजनीतिक के कारण हर साल पानी में डूबता है रुद्रपुर, ये है पूरा मामला

रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र का विकास बढ़ती आबादी के बीच हो रहा है। जिसमें बिना किसी तय सोच के सिर्फ निर्माण कार्य किया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 07:59 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 07:59 AM (IST)
बेतरतीब विकास और राजनीतिक के कारण हर साल पानी में डूबता है रुद्रपुर, ये है पूरा मामला

रुद्रपुर, मनीस पांडेय : रुद्रपुर नगर निगम क्षेत्र का विकास बढ़ती आबादी के बीच हो रहा है। जिसमें बिना किसी तय सोच के सिर्फ निर्माण कार्य किया गया। जिसका परिणाम है कि ढलान की ओर पानी की दिशा नहीं तय की जा सकी है। ऐसे में दिशाहीन पानी रुद्रपुर महानगर की आबादी को डुबो रहा है। सड़क से लेकर मकान तक सभी कुछ खाली पड़ी नजूल की जमीन पर कब्जा करके बनाया गया। जिसमें नगर बसाने की योजना कहीं नहीं थी। अब इन नए बने मकानों को नियमित करने के नाम पर चुनाव भी लड़े जा रहे हैं। लेकिन घर से निकलने वाले पानी व बरसाती जल के नियोजन पर जोर नहीं दिख रहा है।

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मुख्य बाजार रुद्रपुर में नगर निगम की ओर से ठेका देकर नई सड़के व नालियां बनाई गई हैं। जिसमें बिना जलस्तर नापे ही ठेकेदार की मर्जी पर खुदाई कर दी गई। जिसमें सड़क किनारे की नालियां कहीं नीचे हैं तो कहीं ऊपर हैं। ऐसे में नालियों से ज्यादा पानी सड़क पर ही भर जा रहा है। मुख्य बाजार में पुरानी बैंक वाली गली में इस अंतर को जाहिर तौर पर देखा जा सकता है। इसी तरह नगर क्षेत्र में सड़क किनारे इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने का काम भी अनियोजित विकास के रूप में देखा जा सकता है। जहां सड़क से ज्यादा उंचाई पर पटरियां बन गई हैं। ऐसे में बरसात का पानी सड़क पर भर रहा है।

अनियोजित ड्रेनेज पर हंगामा

मुख्य बाजार क्षेत्र में नई नालियां व पटरी बनने के बाद भी सड़क पर पानी भरने की समस्या होने पर स्थानीय लोगों ने कई बार हंगामा भी किया। जिसमें व्यापार मंडल के सदस्यों ने बाजार में पानी भरने के बाद अनियोजित विकास का आरोप लगाया। व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष संजय जुनेजा का कहना है कि नालियां बनने के बाद उनके भीतर मिट्टी व सीमेंट आदि रह गए हैं। अब बिना साफ किए इन्हें लिंटर डाल कर बंद किया जा रहा है। ऐसे में ठेकेदार का भुगतान तो हो जाएगा, लेकिन समस्या घटने के बजाय बढ़ जाएगी।

चोक नालियां भी बनी मुसीबत

नगर निगम क्षेत्र में नालियों की सफाई नहीं होने से भी मुसीबत बनी हुई है। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा ने बताया कि आदर्श कॉलोनी से सिब्बल सिनेमा तक जाने वाला नाला लंबे समय से चोक है। जिसमें तलीझाड़ सफाई नहीं कराई गई। इंदिरा कॉलोनी व सुभाष कॉलोनी में स्थिति बद्तर है। जिससे जलभराव की स्थिति बन रही है। ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में वार्ड संख्या छह, सात, आठ व नौ में नालियां चोक पड़ी हैं। विधायक राजकुमार ठुकराल भी कहते हैं कि नालियों की सफाई और ज्यादा बेहतर तरीके से करने की जरूरत है।

पानी की सही दिशा तय करने के लिए होगा सर्वे

जय भारत सिंह, महानगर आयुक्त, नगर निगम, रुद्रपुर ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में पानी की सही दिशा तय करने के लिए सर्वे कराया जाना है। इसके लिए शीघ्र ही टेंडर निकाले जाएंगे। अगले साल बरसात तक नालियों में पानी निकासी की दिक्कत नहीं आएगी। रुद्रपुर के सभी क्षेत्रों में सर्वे का कार्य किया जाना है। हल्द्वानी कार्यालय में मौजूद टाउन प्लानर की ओर से रुद्रपुर व काशीपुर में सर्वे कराए जाने की योजना है।

कनेक्टिविटी करेंगे बेहतर

अमृता रस्तोगी, अर्बन प्लानर, नगर निगम, रुद्रपुर का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में ड्रेनेज को लगभग हर मुहल्ले में विकसित किया गया है। लेकिन छोटी नालियों की बड़ी नालियों से कनेक्टिविट बेहतर करने की जरूरत है। जिससे पानी की निकासी तेज गति से की जा सके। वेस्टेज भरने के बाद कल्याणी नदी की सफाई भी लगातार की जा रही है। शहर की टोमोग्राफी के अनुसार ड्रेनेज सिस्टम होना चाहिए। आवास-विकास व मॉडल कॉलोनी में कनेक्टिविटी पर कार्य किया जा रहा है।

मास्टर प्लान के अनुसार हो नियोजन

दीक्षांत गुप्ता, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, ऊधमसिंह नगर ने बताया कि नगर का नियोजन मास्टर प्लान के अनुसार होना चाहिए। जिसमें स्लोब के अनुसार जल निकासी की योजना बनाने चाहिए। नालियां जिले में काफी पुरानी हैं। बाद मेें हुए निर्माण में नई सड़के व मकान उंचाई पर बन गए हैं। जिससे जल निकासी मेें समस्या आनी तय है।

नाले में बदली बेगुल व कल्याणी

जिला मुख्यालय के बीच से गुजरने वाली प्रमुख नदी कल्याणी व बेगुल है। जिसमें वर्तमान समय में बरसात, घर व कुछ फैक्ट्रियों का गंदा पानी बह रहा है। वहीं अतिक्रमण के चलते भी नदियां सिकुड़ कर नाले में बदल गई हैं। जिसमें कई जगहों पर नदी का क्षेत्र सिमट कर 10 फिट तक हो गया है। नगर निगम के मेयर रामपाल सिंह ने बताया कि यह नदियां पहले 40 फिट चौड़ाई के दायरे में थी। जिसमें स्थानीय स्तर पर अतिक्रमणकारी काबिज हो गए हैं। ऐसे में बरसात के दिनों में नदियों के ओवरफ्लो होने से आस-पास के मकानों में पानी भी भर जाता है।


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