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क्या जिद है इन लड़कों की, बिना किसी आर्थिक मदद के रोज दो हजार लोगों का भर रहे हैं पेट

हल्द्वानी रोटी बैंक के ऑफिस कुसुमखेड़ा में बने किचेन में ही आपसी सहयोग से टीम के साथी भोजन पकाते हैं। शारीरिक दूरियों का ध्यान रखकर वहीं पर पैकिंग की जाती है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 12 May 2020 10:50 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 02:06 PM (IST)
क्या जिद है इन लड़कों की, बिना किसी आर्थिक मदद के रोज दो हजार लोगों का भर रहे हैं पेट
क्या जिद है इन लड़कों की, बिना किसी आर्थिक मदद के रोज दो हजार लोगों का भर रहे हैं पेट

हल्द्वानी, जेएनएन। कोरोना महामारी के संकट की इस घड़ी में मजदूरों और गरीबों पर दोहरी मार पड़ी है। मदद की सर्वाधिक दरकार भी उन्हें ही है। विपदा की इस घड़ी में उनके लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में हल्द्वानी के कुछ युवाओं की टीम दिन-रात मेहनत कर इनका पेट भरने में जुटी है। न कोई प्रशासनिक मदद न ही आर्थिक। सिर्फ भोजन बांटने की अनुमित मिली है। लेकिन इनकी जिद है शहर में किसी को भूखे पेट सोने नहीं देंगे। उनका यही जुनून इन्हें औरों से अलग कर रहा है। इतना ही नहीं यह टीम कॉल करने वाले जरूरतमंदों को उन तक राशन किट भी पहुंचा रही है। अब तक दो हजार राशन किट भी बांटा जा चुका है। इस टीम का नाम है रोटी बैंक और अगुवा हैं तरुण सक्सेना।

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कुसुमखेड़ा के किचेन में टीम के लोग ही पकाते हैं भोजन

हल्द्वानी रोटी बैंक के ऑफिस कुसुमखेड़ा में बने किचेन में ही आपसी सहयोग से टीम के साथी भोजन पकाते हैं। शारीरिक दूरी का ध्यान रखकर वहीं पर पैकिंग की जाती है। फिर वाहनों में भोजन रखकर चिन्हित स्थानों प निकलते हैं। इसके अलावा पर्सनल नंबर और 112 पर भी कॉल करने वालों को भोजन पहुंचाया जाता है। तरुण बताते हैं कि इस काम में संस्था के सदस्य सबकुछ आपसी सहयोग से ही कर रहे हैं। यूं तो रोटी बैंक की कोर कमेटी में 20-22 लोग ही हैं, लेकिन परिवार से तीन सौ से अधिक लोग जुड़े हैं। इन्हीं की मदद से लोगों को भोजन मुहैया कराना संभव हो पा रहा है। हालांकि इसके अलावा अब तक किसी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिली है। व्यक्तिगत तौर पर लोग राशन और अन्य तरीकों से मदद कर दे रहे हैं।

570 दिनों से लगातार भर रहे लोगों का पेट

रोटी बैंक की टीम 570 दिनों से लगातार लोगों का पेट भरने का काम कर रही है। संस्था के सदस्य कोरोना काल से पहले रोज रोडवेज, रेलवे स्टेशन, अस्पताल समेत अन्य चिन्हित सार्वजनिक स्थानों पर निकलते और वहां मिलने वाले गरीबों-जरूरतमंदों और विक्षिप्तों लोगों का पेट भरते। टीम ज्यादातर रात के वक्त अपने काम काे अंजाम देती है। जब आप खा-पीकर सोने की तैयारी करते हैं तो इन्‍हें फिक्र होती है कि कोई बेसहारा भूखा न सो जाए।

काेरोना के प्रति जागरूक करने को दीवारों पर बना रहे पेंटिंग

कोरोना से जागरूक करने के लिए रोटी बैंक के सदस्य अब सड़क पर पेंटिंग बनाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने से लोग तो जागरूक तो होंगे ही शहर की सड़कें भी खूबसूरत हो जाएंगी। अब तक दो सड़कों पर पेंटिंग बनाई जा चुकी है। इसके साथ ही लोगों को सार्वजिनक स्थलों पर थूकने से भी परहेज करने की अपील की जा रही है। वे लोगों को समझा रहे हैं कि ऐसा करने से शहर तो स्वच्छ होगा ही कोरोना संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकता है।

ऐसे भोजन कलेक्‍ट करता है रोटी बैंक

कोरोना काल से पहले रोटी बैंक तीन तरह से भोजन जुटाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाता रहा है। पहला यदि किसी के घर में भोजन बच गया है तो वह फोन कर के दे सकता है। दूसरा किसी भी व्यक्ति के होटल, कैफे में शादी, नामकरण या अन्य आयोजन का भोजन बच गया है तो वह उपलब्‍ध करा सकता है। तीसरा तरीक़ा यह है कि आप टीम से संपर्क कर राशन दे सकते हैं। दान मिले आटा, दाल, चावल, मसाले, तेल से भोजन तैयार कर गरीब व ज़रूरतमंद लोगों को भोजन मुहैया कराया जाता है।

इस तरह से आया रोटी बैंक बनाने का ख्‍याल

तरुण बताते हैं कि कुछ दोस्‍तों के साथ एक दिन एक भूखे आदमी को भोजन कराया। जिसके बाद उसकी खुशी और चेहरे पर संतोष के भाव देखकर सुकून मिला। उसी समय ख्‍याल आया कि क्‍यों न रोटी बैंक बनाया जाए। बस इसी ख्‍याल के साथ 15 अक्टूबर 2018 को रोटी बैंक हल्द्वानी की नींव पड़ी। शुरुआत में तमाम किस्‍म की दिक्‍कते आईं, लेकिन अब रोटी बैंक का परिवार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। लोग खुद संपर्क कर जुड़ रहे हैं।

300 के करीब लोग जुड़ चुके हैं रोटी बैंक से

रोटी बैंक की टीम रोज़ रात बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, शहर के प्रमुख चौराहों पर रहने वाले गरीब, अपाहिज, असहाय ज़रूरतमंद लोगों तक पहुंचकर उन्हें भोजन उपलब्‍ध कराती है। इस नेक काम के लिए अब तक करीब 300 लोग जुड़ चुके हैं। प्रतिदिन करीब 30-40 लोग नियमित रूप से अभियान को अंजाम देते हैं। कोर टीम में तरुण सक्सेना रोहित यादव, नीरज मिश्रा, नीरज साहू, दिनेश मोर्या ,रवि यादव, विशाल बिष्ट संजय आर्य ,राहुल तुलेड़ा, निखिल आर्य, तुषार सक्सेना, अनूप वार्ष्णेय, प्रशांत भोजक,सचिन सिंह,चम्पा त्रिपाठी, नमिता बिष्ट, पूनम भाकुनी, कंचन राणा, प्रतिभा बिष्ट, निया ठाकुर, खुशी गुप्ता, नितिन राठौर, सागर, मनीष पांडेय "आशिक" शामिल हैं।

बॉलीवुड ने भी रोटी बैंक के काम को सराहा

रोटी बैंक के काम को बॉलीवुड से भी सपोर्ट मिल रहा है। सोशल मीडिया पर अभियान को देखकर कई अभिनेताओं ने वीडियो बनाकर टीम के काम की सराहना करने के साथ ही इसे जारी रखने की अपील भी की है। इन अभिनेताओं में यशपाल शर्मा, नीलेश मिश्रा, मयूर मोरे (अनारकली आफ आरा, सचिन ए बिलियन्‍स ड्रीम) रंजन राज (छि‍छोरे, रुस्‍तम), विजय श्रीवास्‍तव (कौन कितने पानी में, लुकाछुपी), प्रगीत पंडित (मूसे), धरेन्‍द्र कुमार गौतम (बाला) जैसे नाम हैं।


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