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Uttarakhand Chunav 2022 : पूर्व कैबिनेट मंत्री से सेटिंग कर फिक्स हुआ है नैनीताल का टिकट : दिनेश आर्य

Uttarakhand Assembly Election 2022 दिनेश आर्य ने आशंका जताई कि पार्टी के किसी बड़े नेता ने पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस में वापसी कर चुके यशपाल आर्य के साथ टिकट फिक्सिंग का खेल खेलकर कमजोर प्रत्याशी के रूप में सरिता आर्य का चयन कराया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 09:13 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 09:13 PM (IST)
साफ किया कि समर्थकों से चर्चा के बाद ही वह कोई अगला कदम उठाएंगे।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : उत्तराखंड में भाजपा की पहली लिस्ट जारी होने के बाद तराई से लेकर पहाड़ तक छिटपुट बगावती सुर उठ रहे हैं। खुलकर विरोध करने में अभी तक कोई बड़ा नाम सामने नहीं आया है। इसी क्रम में नैनीताल आरक्षित सीट पर भाजपा में टिकट घोषित होने के बाद असंतोष के स्वर उभरे।

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टिकट से वंचित मुख्यमंत्री के पीआरओ व पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश आर्य ने आरोप लगाया है कि निष्ठावान व वैचारिक कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर जानबूझकर कर कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया। आशंका जताई कि पार्टी के किसी बड़े नेता ने पूर्व कैबिनेट मंत्री व कांग्रेस में वापसी कर चुके यशपाल आर्य के साथ टिकट फिक्सिंग का खेल खेलकर कमजोर प्रत्याशी के रूप में सरिता आर्य का चयन कराया है। उन्होंने साफ किया कि समर्थकों से चर्चा के बाद ही वह कोई अगला कदम उठाएंगे।

शुक्रवार को मल्लीताल स्थित रेस्टोरेंट में पूर्व जिलाध्यक्ष दिनेश आर्य, अनुसूचित मोर्चा जिलाध्यक्ष प्रकाश आर्य, भाजपा जिला मंत्री कमला आर्य ने संयुक्त प्रेसवार्ता में सरिता आर्य को टिकट दिए जाने का एक स्वर से विरोध किया। उन्होंने कहा पूर्व विधायक संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी के बाद पार्टी कार्यकर्ता इस सीट पर जीत के लिए काम कर रहे थे। दिनेश बोले-वह पिछले तीन दशक से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। राच्य बनने के बाद से हर चुनाव में उन्हें टिकट का भरोसा दिया गया लेकिन टिकट नहीं दिया। हर कार्यकर्ता की इच्छा थी कि पार्टी के प्रति समर्पित को ही टिकट मिले लेकिन पूर्व विधायक को टिकट दे दिया गया।

कहा वह कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा के बाद अगला कदम उठाएंगेे। दावा किया कि वरिष्ठ नेता मोहन पाल भी उनके साथ हैं। उन्होंने कहा भाजपा में रहते कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य कोर कमेटी के सदस्य भी थे। जाहिर है पार्टी के किसी नेता ने इस सीट का यशपाल के साथ सौदा न कर दिया हो। यही वजह रही कि एक दिन पहले भाजपा में शामिल सरिता को कमजोर प्रत्याशी होने के बावजूद टिकट दिया गया जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


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