गौला नदी से दस साल में सबसे कम उपखनिज निकलेगा
कुमाऊं में रोजगार का सबसे बड़ा साधन माने जाने वाली गौला संकट के दौर से गुजरने वाला है।
जासं, हल्द्वानी : कुमाऊं में रोजगार का सबसे बड़ा साधन माने जाने वाली गौला संकट के दौर से गुजर रही है। इस साल नदी से साढ़े 34 लाख घनमीटर उपखनिज निकलना है। केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण की टीम ने रिपोर्ट तैयार कर वन निगम को सौंप दी। जिसे शासन को भेज दिया गया है। वहीं आंकड़ों पर गौर करे तो पिछले दस साल में नदी से इतनी कम निकासी नहीं हुई। जिसके चलते इस बार राजस्व वसूली भी कम होगी।
शीशमहल से शांतिपुरी तक गौला के 11 निकासी गेट है। हल्द्वानी व लालकुआं डिवीजन मिलाकर कुल साढ़े सात हजार वाहन संचालित होते हैं। वहीं नदी से निकासी का पैमाना केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण की टीम का सर्वे माना जाता है। नदी खुलने व उससे पहले दो बार सर्वे कर माल का आंकलन किया जाता है। फरवरी के आखिर में सीडब्लूसी की टीम ने पूरी गौला का निरीक्षण किया था। दून स्थित मुख्यालय में रिपोर्ट तैयार करने के बाद वन निगम को सौंप दी गई। निगम के मुताबिक इस सत्र में साढ़े 34 लाख घनमीटर माल निकालने की अनुमति मिली है। जिसमें से 29 लाख 30 हजार घनमीटर माल अभी तक निकल चुका है। जिस वजह से नदी को अधिकतम 15 दिन तक चलाया जा सकता है। रोजाना 30 हजार घनमीटर निकासी
गौला में वाहनों की संख्या लालकुआं डिवीजन में ज्यादा है। सभी गेट मिलाकर रोज 28-30 हजार घनमीटर माल निकलता है। इसके हिसाब से दो सप्ताह के भीतर नदी बंद हो जाएगी। तीस करोड़ के नुकसान की संभावना
पिछले सत्र में नदी से 200 करोड़ का राजस्व सरकार को मिला था। 40 लाख घनमीटर करीब माल निकला था। इस सत्र की अनुमति के हिसाब से राजस्व करीब 25 करोड़ घट सकता है। वाहन स्वामियों व मजदूरों पर पड़ेगा फर्क
गौला हर साल 31 मई तक चलती थी। पर इस बार अप्रैल खत्म होने से पहले गेटों पर तालाबंदी हो जाएगी। इससे वाहनस्वामी, मजदूर समेत हजारों लोग प्रभावित होंगे। निजी कंपनी की निकासी भी प्रभावित
वन निगम के मुताबिक बंदी का नियम पूरी गौला पर लागू होगा। हाईवे बनाने वाली निजी कंपनी को नौ लाख घनमीटर माल निकालने के लिए स्टेडियम के पास गेट सौंपा गया है। वन निगम के मुताबिक यह गेट भी साथ में बंद होगा। सर्वे कुछ गेट जल्दी बंद करा सकता
निगम अफसरों के मुताबिक गौला के कुछ गेटों पर उपखनिज की किल्लत है। वहीं रविवार तक गौला के गेट बंद है। ऐसे में सोमवार को नदी खुलने पर वन निगम के स्थानीय अधिकारी नदी का निरीक्षण करेगा। संभावना है कि कम माल वाले गेट जल्दी बंद हो जाए। एसओजी ने तीन हाइवे पकड़ सीज किए
तराई पूर्वी वन प्रभाग के एसओजी प्रभारी चंदन अधिकारी के नेतृत्व में शुक्रवार को बरेली रोड पर चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान गोरापड़ाव पर तीन हाईवा वाहनों को रोका गया। इंचार्ज अधिकारी ने बताया कि पकड़ गए वाहनों की रॉयल्टी में दर्ज वजन व समय में अंतर पाया गया। जिस वजह से सीज कर गौलापार जू परिसर में खड़ा किया गया है। टीम में वन दारोगा हरदीप नयाल, संतोष सिंह, हरदीप नयाल, हिमांशु, नीरज रावत, भूपाल जीना शामिल रहे।