सीएम हेल्पलाइन नंबर पर सबसे अधिक शिकायतें ऊधमसिंह नगर के बाशिंदों ने की
जनता की समस्याओं के समाधान के लिए चलाए गए सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 पर सबसे ज्यादा शिकायतें ऊधमसिंह नगर के लोगों ने की है। दूसरे नंबर पर राजधानी और चौथे पर नैनीताल जिला है। जलसंस्थान ऊर्जा निगम व पुलिस विभाग उन महकमों में शामिल हैं जिनसे ज्यादा शिकायतें है।
हल्द्वानी, जेएनएन : जनता की समस्याओं के समाधान के लिए चलाए गए सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 पर सबसे ज्यादा शिकायतें ऊधमसिंह नगर के लोगों ने की है। दूसरे नंबर पर राजधानी और चौथे पर नैनीताल जिला है। जलसंस्थान, ऊर्जा निगम व पुलिस विभाग उन महकमों में शामिल हैं जिनसे ज्यादा शिकायतें है। यानी इन महकमों के अफसरों के पास चक्कर लगाने के बाद भी लोगों की सुनवाई नहीं हुई। जिस वजह से फरियादियों को हेल्पलाइन के जरिये सरकार से गुहार लगानी पड़ी।
फरवरी 2019 को सीएम त्रिवेंद्र रावत ने सीएम हेल्पलाइन 1905 की शुरूआत की थी। ताकि दूरदराज के लोगों को समस्याओं के समाधान के लिये सचिवालय या शासन के चक्कर न लगाने पड़े। ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के बाद समाधान भी किया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान शिकायतों की संख्या और भी बढ़ गई। शिकायत मिलने के 15 दिन के भीतर कार्यवाही करना अनिवार्य है। नियम के अनुसार समाधान होने पर ही 1905 कॉल सेंटर शिकायत को बंद करेगा। ब्लॉक से लेकर शासन स्तर के 3900 अधिकारियों को हेल्पलाइन सेल से जोड़ा गया है। दावा है कि संचालन के बाद से अब तक 30147 समस्याओं का समाधान हो चुका है। जिसमें गढ़वाल के सात जिलों से 15590 और कुमाऊं के छह जिलों 14556 लोगों ने शिकायत की।
जिलेवार शिकायतें
दून-5763
हरिद्वार-4246
टिहरी-1454,
रुद्रप्रयाग-506,
पौड़ी-2119
उत्तरकाशी-704
चमोली-798
उधम सिंह नगर-6205
नैनीताल-4159
अल्मोड़ा-2355
चम्पावत-667
बागेश्वर-506
पिथौरागढ़-664
15590,14556
इन विभागों से ज्यादा शिकायतें
जलसंस्थान-2930
उर्जा निगम-2599
पुलिस विभाग-2190
राजस्व विभाग-2103
लोक निर्माण विभाग-2016
शहरी विकास-1600,
खाद्य और नागरिक आपूॢत-1455
श्रम विभाग-1279
ग्रामीण विकास-964
पंचायतीराज विभाग-947
समाज कल्याण-896
इन विभागों से संतुष्ट लोग
सड़क, बिजली और पुलिस से जुड़ी समस्याओं का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। वहीं, लघु सिंचाई, कृषि विपणन बोर्ड, युवा कल्याण विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग आदि से लोगों को बहुत ज्यादा शिकायत नहीं है। वहीं, प्रदेश का अधिकांश भाग वनों से घिरा होने के बावजूद 562 लोगों ने महकमे की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए।