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कुमाऊं विवि की शोध डिग्रियां मिलेंगी ऑनलाइन, रुकेगा फर्जीवाड़ा

डिग्रियों का फर्जीवाड़ा पूरी तरह रोकने के लिए विवि की पिछले दस साल की शोध उपाधियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल नेशनल एकेडेमिक डिपोजटरी में अपलोड कर दिया गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 12:09 PM (IST)
कुमाऊं विवि की शोध डिग्रियां मिलेंगी ऑनलाइन, रुकेगा फर्जीवाड़ा
कुमाऊं विवि की शोध डिग्रियां मिलेंगी ऑनलाइन, रुकेगा फर्जीवाड़ा

नैनीताल, जेएनएन : कुमाऊं विवि डिजीटल मोड पर चल पड़ा है। निदेशक शोध प्रो राजीव उपाध्याय ने बताया कि डिग्रियों का फर्जीवाड़ा पूरी तरह रोकने के लिए विवि की पिछले दस साल की शोध उपाधियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल नेशनल एकेडेमिक डिपोजटरी में अपलोड कर दिया गया है। स्नातक व परास्नातक की डिग्रियां भी फीड करने का काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही यूजी-पीजी डिग्री भी छात्रों को ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएंगी।

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सोमवार को विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो नौडिय़ाल की मौजूदगी में बताया कि अब ई पेमेंट मोड से परीक्षा  शुल्क जमा होगा। यह भी बताया कि नए शैक्षणिक सत्र से पहले से पांचवें सेमेस्टर तक छात्रों को अंकतालिका लेने के लिए विवि नहीं आना पड़ेगा। फाइनल मार्कशीट ओरिजनल दी जाएगी। रोल नंबर, जन्म तिथि व नाम अंकित कर अंकतालिका ऑनलाइन मिल जाएगी। कुलपति ने बताया कि तकनीकी एप्पीकेशन तैयार करने में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। तकनीकी दिक्कतें दूर करने को कर्मचारियों को दक्ष बनाया जा रहा है। विवि ने हाल ही में मिली फर्जीवाड़े पर कहा कि तमाम विवि इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं।

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