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उत्तराखंड की बेहतरी को क्षेत्रीय दल हों एकजुट, डा. शमशेर सिंह की पुण्यतिथि पर बोले वक्ता

वक्ताओं ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में पास लचर भू-कानून को पर्वतीय राज्य के लिए घातक बता इसे निरस्त करने की मांग उठाई। साथ ही पहाड़ में कृषि व गैर कृषि भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त पर चिंता जताई गई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 11:20 PM (IST)
उत्तराखंड की बेहतरी को क्षेत्रीय दल हों एकजुट, डा. शमशेर सिंह की पुण्यतिथि पर बोले वक्ता
क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर 27 सितंबर को किसान संगठनों के भारत बंद को समर्थन पर सहमति बनी।

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : उत्तराखंड लोक वाहिनी (उलोवा) के पूर्व अध्यक्ष एवं जनवादी नेता डा. शमशेर सिंह बिष्ट की तीसरी पुण्यतिथि पर हिमालयी राज्य के समग्र विकास को क्षेत्रीय दलों की एकजुटता पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में पास लचर भू-कानून को पर्वतीय राज्य के लिए घातक बता इसे निरस्त करने की मांग उठाई। साथ ही पहाड़ में कृषि व गैर कृषि भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त पर चिंता जताई गई। 

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नगर के एक होटल में बुधवार को जनवादी नेता डा. शमशेर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर गोष्ठी शुरू हुई। मुख्य अतिथि उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि उत्तराखंड से जुड़े कई सवाल अनुत्तरित हैं। पश्चिम बंगाल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सत्ताधारी दल को बेदखल करने की जरूरत है। राज्य के मौजूदा हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। जमीनों की लूट, बेरोजगारी व भ्रष्टïाचार बढ़ा है। उलोवा नेता जगत रौतेला ने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर बगैर सियासी एकता के पहाड़ के जन मुद्दों का समाधान नहीं हो सकता। क्षेत्रीय दलों को एकजुट कर 27 सितंबर को किसान संगठनों के भारत बंद को समर्थन पर सहमति बनी।

नैनीताल से उक्रांद के पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल ने राज्य गठन के 21 साल बाद भी परिसंपत्तियों का बंटवारा न होने पर सवाल उठाया। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के भू कानून से हिमालयी राज्य की बर्बादी साफ दिख रही है। उन्होंने उत्तराखंड में कड़े भू कानून की पुरजोर वकालत की ताकि पहाड़ की जमीनें बचाई जा सके। 


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