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    25 फीसद रॉयल्‍टी इस फंड में जमा करने का आदेश, बढ़ेंगे रेता-बजरी के दाम

    By Skand ShuklaEdited By:
    Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:16 PM (IST)

    रेत और बजरी के दाम फिर से बढ़ सकते हैं। शासन ने आदेश जारी कर वन निगम को रॉयल्टी का 25 प्रतिशत जिला खनिज फाउंडेशन न्यास में जमा करने के निर्देश दिए है।

    25 फीसद रॉयल्‍टी इस फंड में जमा करने का आदेश, बढ़ेंगे रेता-बजरी के दाम

    ल्द्वानी, जेएनएन : रेत और बजरी के दाम फिर से बढ़ सकते हैं। शासन ने आदेश जारी कर वन निगम को रॉयल्टी का 25 प्रतिशत जिला खनिज फाउंडेशन न्यास में जमा करने के निर्देश दिए है। वहीं, खान विभाग ने भी बकाया भुगतान निकालकर 21 करोड़ का बिल वन निगम को थमा दिया है और रिकवरी नोटिस भेजा गया है। अगर निगम इस बड़ी रकम को जमा करता है तो रॉयल्टी बढ़ाई जाएगी और इससे गौला से निकलने वाली रेत और बजरी के दाम भी बढ़ जाएंगे।

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    खनन से पर्यावरण व आसपास के एरिया को नुकसान होता है। इसकी भरपाई के लिए जिला खनिज फाउंडेशन न्यास का गठन किया गया था। इसके फंड से मजदूर कल्याण, सड़क, पानी समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं विकसित की जानी थी। खनन से होने वाली आय का कुछ प्रतिशत इसमें जमा करने का प्रावधान था। यह नियम वन निगम पर भी लागू होता है। क्योंकि वह रॉयल्टी वसूलता है। वहीं वन निगम का कहना है कि उसके द्वारा श्रमिकों को सेफ्टी उपकरण, जलौनी लकड़ी व स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है। वाहनों से वसूली जाने वाली साढ़े आठ रुपये प्रति क्विंटल की रॉयल्टी वह सीधे शासन के खाते में जमा करता है। अगर इसका 25 प्रतिशत फाउंडेशन में देना पड़ा तो उसे दो रुपये प्रति क्विंटल रॉयल्टी शुल्क बढ़ाना होगा। जिसका सीधा असर उपखनिज की बिक्री पर पड़ेगा। वहीं, खान विभाग का कहना है कि शासन के निर्देश पर जिला खनिज फाउंडेशन न्यास गठित किया गया था। किसी भी तरह का जनकल्याण कार्य इसी के जरिये होना है। इस बाबत निगम को पूर्व में शासन से लिखित आदेश भी मिल चुका है। फिर भी उसने धनराशि नहीं दी। पिछले साल सितंबर में वन निगम को बकायदा नोटिस दिया गया था। वहीं, 12 दिसंबर को जिला खनन समिति की बैठक में तीन दिन के भीतर 21 करोड़ का बकाया फाउंडेशन के खाते में जमा करने को कहा गया था, लेकिन निगम ने अनसुना कर दिया। जिसके बाद अब शासन ने वसूली को लेकर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।

    जिले की पांच नदियों में नियम

    सरकार ने सितंबर 2017 में कैबिनेट बैठक के दौरान नई खनन नीति लागू की थी। जिसमें जिला खनिज फाउंडेशन न्यास पर भी मुहर लगी। नैनीताल जिले में गौला, कोसी, दाबका, नंधौर व कैलाश नदी में खनन होता है। जिससे पर्यावरणीय नुकसान के साथ खनन क्षेत्र का एरिया भी प्रभावित होता है। फाउंडेशन सड़क निर्माण, स्कूलों की मरम्मत, पौधरोपण जैसे तमाम कार्यो में इस पैसे को खर्च करता है।

    रॉयल्‍टी शुल्‍क बढ़ाया जा सकता है

    एमपीएस रावत, आरएम वन निगम ने बताया कि यह मामला निगम मुख्यालय के संज्ञान में है। निगम अपनी तरफ से श्रमिक हितों पर खर्च करता है । अगर फाउंडेशन में रकम जमा करनी पड़ी तो रॉयल्टी शुल्क बढ़ाने की नौबत आ सकती है। हालांकि अंतिम निर्णय मुख्यालय से होगा।

    राजपाल लेघा, उपनिदेशक खान विभाग वन निगम पर जिला खनिज फाउंडेशन न्यास की 21 करोड़ की बकायेदारी हो चुकी है। रिकवरी को लेकर पूर्व में नोटिस भी दिया जा चुका है। अब शासन से भी इस बाबत आदेश जारी हुआ है।

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