Move to Jagran APP

बाघ संरक्षण में खरा उतरा रामनगर वन प्रभाग, मिला प्रमाण पत्र

कॉर्बेट के अलावा अब उससे सटा रामनगर वन प्रभाग भी बाघों के संरक्षण के लिए विश्वविख्यात हो गया है।

By Edited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 04:36 AM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 03:51 PM (IST)
बाघ संरक्षण में खरा उतरा रामनगर वन प्रभाग, मिला प्रमाण पत्र
बाघ संरक्षण में खरा उतरा रामनगर वन प्रभाग, मिला प्रमाण पत्र
संवाद सहयोगी, रामनगर : कॉर्बेट के अलावा अब उससे सटा रामनगर वन प्रभाग भी बाघों के संरक्षण के लिए विश्वविख्यात हो गया है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल टाइगर फोरम ने कई मानकों पर खरा उतरने पर रामनगर वन प्रभाग को कैट्स का प्रमाण पत्र दिया है। अब यह भारत का दूसरा वन प्रभाग हो गया है। इससे पहले लैंसडोन वन प्रभाग को यह दर्जा प्राप्त है। अंतरराष्ट्रीय संस्था ग्लोबल टाइगर फोरम बाघ संरक्षण के लिए कार्य करता है। देश के वन प्रभागों को बेहतर वन प्रभाग का दर्जा भी इसी फोरम द्वारा दिया जाता है। इसके लिए वह कंजरवेशन एस्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स का प्रमाण पत्र देता है। डीएफओ नेहा वर्मा ने वन प्रभाग को बेहतर वन प्रभाग का दर्जा दिलाने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद फोरम की राष्ट्रीय कमेटी की टीम पिछले साल रामनगर आई थी। उन्होंने रामनगर वन प्रभाग का निरीक्षण किया था। टीम ने वन प्रभाग में मैनेजमेंट, बाघों के वास स्थल, सुरक्षा, संसाधन, स्टॉफ, जैवविविधिता, बाघों की जनसंख्या समेत अनेक बिंदुओं का स्थलीय निरीक्षण कर अध्ययन किया था। इसके बाद राष्ट्रीय टीम ने अपनी स्वीकृति देते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय ग्लोबल टाइगर फोरम में भेजा। जहां से रामनगर वन प्रभाग को बाघ संरक्षण के मानक पूरा करने पर कैट्स का प्रमाण पत्र दिया गया। कैट्स का प्रमाण पत्र पाने वाला रामनगर दूसरा वन प्रभाग बना नेहा वर्मा, डीएफओ रामनगर ने बताया कि रामनगर वन प्रभाग बाघ संरक्षण के मामले में खरा उतरा है। अब यह भारत का दूसरा वन प्रभाग हो गया है, जिसे कैट्स का प्रमाण पत्र मिला है। इससे वन महकमा काफी उत्साहित है। अब मिल सकेगा अतिरिक्त बजट कैट्स की सूची में शामिल होने पर वन प्रभाग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इसके अलावा कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं बाघ संरक्षण के लिए बजट दे सकेंगी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण दिल्ली से भी वन प्रभाग को हर तरह से विशेष मदद मिल सकेगी। 14 वन प्रभाग रिजेक्ट कैट्स की सूची में शामिल होने के लिए भारत के 14 वन प्रभागों ने भी आवेदन किया था। डीएफओ ने बताया कि निरीक्षण में यह सभी वन प्रभाग मानकों पर खरे नहीं उतर पाए और वह रिजेक्ट हो गए।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.