धूमधाम से मनाया गया प्रेम और स्नेह का पर्व रक्षाबंधन, बहनों ने भाई के हाथ पर बांधी रक्षा की डोर
प्रेम और स्नेह का पर्व क्षाबंधन कुमाऊं भर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर दीर्घायु की कामना की तो भाइयों ने भी रक्षा का संकल्प लिया।
नैनीताल, जेएनएन : प्रेम और स्नेह का पर्व क्षाबंधन कुमाऊं भर में धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर दीर्घायु की कामना की, वहीं भाईयों ने भी बहन की रक्षा का संकल्प लिया और उपहार देकर उनकी खुशियों में शरीक हुए।
आज देश आजादी की सालगिरह के जश्न के साथ-साथ रक्षाबंधन का त्योहार भी मना रहा है। भाई और बहन के लिए ये सबसे बड़ा त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। ये त्योहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते, प्यार, त्याग और समर्पण को दर्शाता है। राखी बांधकर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख की कामना करती हैं। वहीं, भाई उन्हें वादा देते हैं कि वो उनकी जिंदगीभर रक्षा करेंगे, इस वजह से इस पर्व को रक्षाबंधन नाम दिया गया है। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है। इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा। कई ऐसे संयोग बनेंगे, जिससे इस पर्व का महत्व और बढ़ जाएगा। इस बार रक्षा बंधन कुछ अलग है। बहुत समय बाद रक्षा बंधन का पर्व भद्रामुक्त होगा। बहनें भाइयों की कलाई पर निर्विघ्न होकर राखी बांध सकती हैं।
राखी बांधने के लिए काफी लंबा मुहूर्त
इस बार रक्षाबंधन पर दोपहर 1:30 से 15:00 राहुकाल होगा। राखी बांधने के लिए इस समय का त्याग करें। इस बार सावन में 15 अगस्त के दिन चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक साथ बन रहा है। इस बार बहनों को भाई की कलाई पर प्यार की डोर बांधने के लिए मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ा। इस बार राखी बांधने के लिए काफी लंबा मुहूर्त मिला है। 15 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 01 मिनट तक राखी बांध सकेंगी। राखी बांधने के लिए 12 घंटे 58 मिनट का समय मिलेगा। शुभ मुहूर्त दोपहर में साढ़े तीन घंटे रहेगा। इस बार 19 साल बाद रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस एक साथ मनाया जाएगा। चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र का संयोग बहुत ख़ास रहेगा। सुबह से ही सिद्धि योग बनेगा जिसके चलते पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ेगी।