एसटीएच में रैगिंग प्रकरण में 98 विद्यार्थियों से पूछताछ
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में रैगिंग का मामला सामने आने से मची खलबली।
By Edited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 10:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 08:40 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में रैगिंग का मामला सामने आने से खलबली मची है। कॉलेज प्रशासन जहां प्रकरण की जांच में जुट गया है, वहीं उच्चाधिकारियों ने भी मामले की जानकारी मांगी है। कॉलेज प्रशासन की ओर से तैयार 12 सदस्यीय जांच कमेटी ने एमबीबीएस के 98 विद्यार्थियों से पूछताछ की है। हालांकि अभी तक जांच कमेटी को किसी तरह का कोई प्रमाण नहीं मिल सका है। यह है प्रकरण राजकीय मेडिकल कॉलेज के एक विद्यार्थी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की वेबसाइट पर पांच दिन पहले रैगिंग की शिकायत की थी। उसने अपने दो सीनियर्स के नाम का उल्लेख करते हुए लिखा है कि सीनियर्स ने जूनियर्स के कपड़े फाड़ दिए। गालीगलौज की गई। यहां तक खाना भी छीन लिया जा रहा है। इस शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मचा है। 18 सितंबर को एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक कॉलेज प्रशासन ने 18 सितंबर को मेडिकल कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई है। बैठक में कॉलेज प्रशासन की जांच कमेटी के अलावा जिला प्रशासन से लेकर पुलिस अधिकारी, मीडिया समेत सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल रहेंगे। हॉस्टलों व कैंटीन में भी जांच प्रभारी प्राचार्य समेत जांच कमेटी ने सभी हॉस्टलों का निरीक्षण किया। विद्यार्थियों को समझाया और इस प्रकरण के बारे में पूछताछ भी की। ऐसा करने पर प्रतिबंध - संस्थान या हॉस्टल में किसी छात्र-छात्रा के पहनावे या रंग रूप पर टिप्पणी करना - किसी छात्र-छात्रा को उसकी क्षेत्रीयता, भाषा जाति के आधार पर अपमानजनक नाम लेकर पुकारना - नस्ल व पारिवारिक अतीत या आर्थिक पृष्ठिभूमि को लेकर लज्जित करना - छात्राओं द्वारा अन्य छात्राओं को अपमानजनक कार्य करने को कहना ये हो सकती है कार्रवाई रैगिंग की शिकायत की पुष्टि होने पर रैगिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। तीन साल की सश्रम कारावास हो सकता है। संबंधित कॉलेज पर भी कार्रवाई होगी। आर्थिक दंड भी लगाया जा सकता है। सीधे यूजीसी के पास शिकायत की क्यों पड़ी जरूरत कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी है। इसके बावजूद विद्यार्थी ने इस कमेटी के सदस्यों से शिकायत करने के बजाय सीधे यूजीसी से शिकायत की। इसे लेकर भी कॉलेज की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। पहले भी मामले को कर दिया था रफा-दफा दो साल पहले भी मेडिकल कॉलेज में इस तरह का प्रकरण सामने आया था। उस विद्यार्थी ने भी यूजीसी में शिकायत की थी। जांच हुई, लेकिन बाद में मामला रफा-दफा हो गया था। मामले की जांच चल रही है डॉ. एके सिंह, प्रभारी प्राचार्य ने बताया कि बच्चे ने शिकायत की थी। इस मामले की गहनता से जांच चल रही है। एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक होनी है। इसमें सभी चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। कार्रवाई में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन हैं, उसके अनुसार ही कार्रवाई की जानी है। रैगिंग बड़ा अपराध है। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी।
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