बेतालघाट ब्लाक में पंप आपरेटर को तीन माह से नहीं मिला वेतन
बेतालघाट ब्लाक के तमाम गाव की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचा खेतों को तरबतर करने वालों की ही जेब सूखी है।
संसू, गरमपानी : बेतालघाट ब्लाक के तमाम गाव की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि तक सिंचाई का पानी पहुंचा खेतों को तरबतर करने वालों की ही जेब सूखी है। सिंचाई योजनाओं की देखरेख व पानी पहुंचाने का जिम्मा संभालने वाले पंप आपरेटर वेतन को तरस रहे हैं। आलम यह है कि कभी पाच महीनों तो कभी नौ महीने तक तनख्वाह ही नहीं मिलती। वर्तमान में बीते तीन माह से पंप आपरेटरों को वेतन नसीब नहीं हुआ है ।
बेतालघाट ब्लाक में करीब 15 से ज्यादा सिंचाई योजनाएं हैं। कोसी नदी से तमाम गावों की हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित किया जाता है। सिंचाई योजनाओं का जिम्मा संभालने के लिए संबंधित विभाग ने प्रत्येक पंपिंग योजना में एक आपरेटर की तैनाती की है पर पंप आपरेटरों को चौबीस घटे ड्यूटी के बावजूद समय पर वेतन ही नसीब नहीं होता। पंप आपरेटरों के अनुसार लंबी लाइन चेक करने से के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र में सिंचाई के पानी खोलने की ड्यूटी होती है। चौबीस घटे मेहनत करने के बावजूद समय पर वेतन नहीं मिल पाता जिससे आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है। ब्लाक में अमेल, चापड़, ओखलढूंगा, बिसमोली, घघरेठी, बरधौ, बंसगाव, सोनगाव, बढेरी, हल्सौकोरण, छडा़, चमडिया समेत करीब 15 से ज्यादा सिंचाई योजनाएं है।
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सरकारी दावे भी खोखले
सभी सिंचाई योजनाएं नलकूप खंड रामनगर के अधीन है पर संबंधित विभाग का हाल भी अजब-गजब है। एक ओर सरकार प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त करने का दावा कर रही है, तो वही इन सिंचाई योजनाओं के पंप हाउस में महज एक शौचालय तक की सुविधा नहीं है। पंप आपरेटरों को खुले में शौच करना मजबूरी बन चुका है। पंपिंग हाउस में शौचालय निर्माण न होना सरकार व उसके नुमाइंदों के दावों की पोल खोल रहा है।
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करीब 15 से ज्यादा योजनाएं संचालित हैं। पंप आपरेटरों को जिला योजना से वेतन उपलब्ध कराया जाता है। जिला योजना से जैसे ही बजट उपलब्ध होता है आपरेटरों को तत्काल वेतन उपलब्ध करा दिया जाता है। प्रयास किया जा रहा है कि प्रतिमाह वेतन दिया जा सके। शौचालय व अन्य व्यवस्थाओं के लिए उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जाएगा।
- गोविंद सिंह, जेई नलकूप खंड रामनगर