चोरगलिया टोल पर फायरिंग : सरकारी बैरियर पर प्राइवेट लोग क्या कर रहे थे
चोरगलिया में जिला पंचायत के बैरियर पर वसूली के विवाद को लेकर हुई फायरिंग में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी ने जिला पंचायत की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरों में ला दिया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : चोरगलिया में जिला पंचायत के बैरियर पर वसूली के विवाद को लेकर हुई फायरिंग में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी ने जिला पंचायत की कार्यप्रणाली को संदेह के घेरों में ला दिया है। क्योंकि, पकड़ा गया युवक जिला पंचायत का कर्मचारी नहीं बल्कि ऊधमसिंह नगर के सितारगंज का रहने वाला है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि जिला पंचायत के बैरियर पर बाहरी शख्स क्या कर रहा था। सूत्रों की माने तो इस मामले में शक्तिफार्म के कुछ और युवकों की भी सलिंप्तता है।
मंगलवार दोपहर चोरगलिया व सितारगंज बार्डर के पास बने जिला पंचायत के बैरियर पर कई राउंड फायरिंग से बखेड़ा खड़ा हो गया था। दरअसल, जिला पंचायत नैनीताल द्वारा हर खनन वाहन से 100 रुपये शुल्क लिया जाने लगा था। पूर्व में वाहनस्वामी वसूली का विरोध भी कर चुके थे। मंगलवार दोपहर भी पर्ची काटने को लेकर पूरा विवाद खड़ा हुआ था। इस बीच बैरियर पर मौजूद कुछ लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली वाहनस्वामी मोहम्मद हसन के हाथ पर भी लगी। जिसे उपचार के लिए बेस अस्पताल लाया गया।
वहीं, गोलीकांड के बावजूद जिला पंचायत ने अपनी तरफ से कोई तहरीर नहीं सौंपी। जिसके बाद पुलिस ने खुद अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं, थानाध्यक्ष संजय जोशी ने बताया कि मामले में एक आरोपित शक्तिफार्म निवासी सुरेश सिंह पुत्र जितेंद्र सिंह का गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि बैरियर पर घटना के दौरान सात-आठ बाहरी लोग थे। जिनके द्वारा यह फायरिंग की गई।
घायल गायब एसओ बने वादी: गोली लगने के बाद अन्य वाहनस्वामियों संग हंगामा खड़ा करने वाला मोहम्मद हसन अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पुलिस के पास शिकायत करने नहीं लौटा। पुलिस ने उसके घर संदेश भी भिजवाया। जिसके बाद थाानाध्यक्ष संजय जोशी की तरफ से नौ अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कराया गया। असल वादी के गायब होने को लेकर भी लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ का कहना है कि उसे मैनेज कर लिया गया है।