डेंगू की दहशत से शहर के लोग रहे परेशान, निजी अस्पतालों ने इसे अवसर की तरह भुनाया
डेंगू पैदा करने वाले एडीज एजिप्टाई नामक मच्छर का लार्वा दो महीने बाद भी शहर को डरा रहा है। घर-घर डेंगू होने की नौबत आ गई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : डेंगू पैदा करने वाले एडीज एजिप्टाई नामक मच्छर का लार्वा दो महीने बाद भी शहर को डरा रहा है। घर-घर डेंगू होने की नौबत आ गई है। इस परिस्थिति के बीच शहर के कुछ निजी क्लीनिकों और पैथोलॉजी लैब संचालकों पर जरूरत से ज्यादा वसूली के आरोप भी लगे हैं। आरोप यहां तक लगाए जा रहे हैं कि ऐसी-ऐसी महंगी जांचें करा दी गईं, जिसकी जरूरत ही नहीं थी। आपदा जैसे इस हालात में भी जिले से लेकर प्रदेश के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी चुपचाप बैठे रहे।
केस-1
एक निजी स्कूल की शिक्षिका को डेंगू हो गया। उनके पति पैथोलॉजी केंद्र गए तो 4500 रुपये की जांच करा ली। तबीयत बिगडऩे पर मरीज को निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। महिला को सामान्य डेंगू था। उस लैब की रिपोर्ट को डॉक्टर ने नहीं माना। दूसरे लैब से जांच कराने को कहा। शिक्षिका का कहना है, फिर चार हजार की जांचें और 30 हजार का इलाज करवाने को मजबूर हुए।
केस-2
सिर में तेज दर्द था। कमर और पिंडलियों में भी दर्द की शिकायत थी। इसके इलाज के लिए रुद्रपुर निजी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी एक निजी अस्पताल में गया। मरीज की सारी जांचें कराने के साथ ही सीटी स्कैन तक करा दिया गया। चार दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद करीब 50 हजार का बिल चुकाने के बाद मरीज घर लौटा।
केस-3
सरकारी विभाग के कर्मचारी की प्लेटलेट्स 50 हजार से ज्यादा थी। कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव था। किसी तरह की ब्लीडिंग नहीं हो रही थी। फिर भी एक क्लीनिक में मरीज को 5 यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ा दी गई। सभी तरह की जांचें कराई गई। 30 हजार से ज्यादा का बिल भुगतान किया। इसकी शिकायत कई लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों से की।
पैथोलॉजी केंद्रों व नर्सिंग होम की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ
डेंगू बुखार के चलते कुछ निजी क्लीनिकों व चिकित्सालयों में हो रही मनमानी पर शहर के लोग भी आवाज उठाने लगे हैं। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर भी आक्रोश जताया गया है। शनिवार को छह पंडितों ने बुुद्धि-शुद्धि यज्ञ कराया। आयोजक पंकज खत्री ने कहा कि कुछ अस्पताल बेवजह मनमानी कर रहे हैं। एक अस्पताल ने डेंगू के डाइट चार्ट के लिए 1200 रुपये ले लिए। सामान्य डेंगू बुखार के रोगियों को आइसीयू में भर्ती कर दिया जा रहा है। महंगी जांचें करा दी जा रही हैं। टेस्ट के लिए लैब तय है। दवा के लिए मेडिकल स्टोर भी निर्धारित हैं। ऐसे में मरीज की जेब बेवजह खाली हो जा रही है। इसमें पंडित पंकज जोशी, पंडित चंद्र जोशी, दिनेश चंद्र, हिमांशु पांडे, चेतन पांडे, राकेश जोशी, संजय पांडे, त्रिलोक सिंह, हरेंद्र सिंह, गौरव खत्री, अशोक, देवी दत्त सुयाल, पीडी जोशी आदि शामिल रहे।