पर्वतारोहियों की खोज के लिए हुआ अभ्यास, हेलीकॉप्टर से ढाई क्विंटल मशीन बेस कैंप पहुंचाई NAINITAL NEWS
नंदा देवी में लापता सात विदेशी पर्वतारोहियों और भारतीय लाइजन अफसर की खोज एवं बचाव के लिए रेस्क्यू दल नंदा देवी बेस कैंप प्रथम और द्वितीय के बीच अभ्यास कर रहा है।
पिथौरागढ़, जेएनएन : नंदा देवी में लापता सात विदेशी पर्वतारोहियों और भारतीय लाइजन अफसर की खोज एवं बचाव के लिए रेस्क्यू दल नंदा देवी बेस कैंप प्रथम और द्वितीय के बीच अभ्यास कर रहा है। रेस्क्यू अभियान के लिए सोमवार को पिथौरागढ़ से ढाई क्विंटल भारी मशीन हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप पहुंचाई गई है।
बीते माह नंदा देवी अभियान में गए यूके, यूएसए और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोही तथा आइएमएफ का एक भारतीय लाइजन अफसर 26 मई को नंदा देवी में आए एवलांच में अभियान के दौरान लापता हो गए थे। इसकी सूचना मिलते ही उनकी खोज का कार्य वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से किया गया। इस दौरान उनके चार साथी जो इंग्लैंड के पर्वतारोही थे को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ पहुंचाया गया। चारों अपने देश लौट चुके हैं। हेलीकॉप्टर से नंदा देवी में की गई रेकी के दौरान पांच शव नजर आए परंतु इन शवों को निकाल पाना संभव नहीं है। जिसे देखते हुए गृह मंत्रालय भारत सरकार, प्रदेश शासन और प्रशासन ने आइटीबीपी के नेतृत्व में एक 32 सदस्यीय दल गठित किया। जिसमें आइटीबीपी के 18 पर्वतारोहियों के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की सदस्य हैं। रेस्क्यू दल को चार दिन पूर्व मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप पहुंचाया गया। जिसमें 12 सदस्य नंदा देवी बेस कैंप दो में शेष सदस्य बेस कैंप प्रथम पर हैं। रेस्क्यू चलाने के लिए यहां के मौसम व जलवायु के आधार पर फिट रहने के लिए अभ्यास चल रहा है।
मंगलवार को हेलीकॉप्टर से ढाई किलो वजन की मशीन नंदा देवी बेस कैंप पहुंचाई गई है। यह मशीन हाई एल्टीट्यूट में रेस्क्यू कार्य चलाने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। इसके अलावा अन्य सामग्री भी हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई। प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को भी रेस्क्यू दल यहां पर अभ्यास जारी रखेगा। बुधवार से अगला कदम उठाया जाएगा। दल का नेतृत्व आइटीबीपी के प्रमुख पर्वतारोही आरएस सोनाल कर रहे हैं।
ढाई क्विंटल की भारी मशीन आइस कटिंग
सोमवार को हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप पहुंचाई गई ढाई क्विंटल की भारी मशीन आइस कटिंग मशीन है। इसका प्रयोग रेस्क्यू अभियान में बर्फ में दबे शवों को निकालने के लिए किया जाता है। इस मशीन में उच्च हिमालय में रेस्क्यू के तहत काम आने वाले तमाम उपकरण शामिल रहते हैं। इसे बर्फीले क्षेत्रों में ले जाना भी आसान है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फ टूटती नहीं है। इसे आइस कटिंग मशीन के जरिए कटिंग करके ही तोड़ा जाता है। जिससे बर्फ में दबे शवों को निकालने में आसानी होती है।
रेस्क्यू का विवरण
- 14 जून को वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर द्वारा ट्रायल और ब्रीफिंग की गई।
- 15 जून को नंदा देवी क्षेत्र का हवाई सर्वे किया गया। आइटीबीपी के 15 और छह अन्य सदस्यों को हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप उतारा गया।
- 16 जून को नंदा देवी में मौसम खराब रहा, अभ्यास नहीं चल सका
- 17 जून को रेस्क्यू में काम आने वाली मशीन और अन्य सामग्री वायु सेना के हेलीकॉप्टर से नंदा देवी बेस कैंप पहुंचाई गई। 18 जून को अभ्यास जारी रहेगा।
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