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पोनी-पोर्टर की टेंडर प्रक्रिया में उलझा केएमवीएन, कोर्ट ने खारिज की याचिका

हाई कोर्ट ने कुमाऊं मंडल विकास निगम संचालित कैलास मानसरोवर यात्रा के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पोनी-पोर्टर की टेंडर प्रक्रिया पर रोक के आदेश को चुनौती देती याचिका को खारिज कर दिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 15 Jun 2019 11:57 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jun 2019 11:57 AM (IST)
पोनी-पोर्टर की टेंडर प्रक्रिया में उलझा केएमवीएन, कोर्ट ने खारिज की याचिका
पोनी-पोर्टर की टेंडर प्रक्रिया में उलझा केएमवीएन, कोर्ट ने खारिज की याचिका

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने कुमाऊं मंडल विकास निगम संचालित कैलास मानसरोवर यात्रा के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पोनी-पोर्टर की टेंडर प्रक्रिया पर रोक के आदेश को चुनौती देती याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही टेंडर प्रक्रिया व टेंडर को निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में केएमवीएन की विशेष अपील पर सुनवाई हुई। दरअसल, केएमवीएन के उच्च हिमालयी क्षेत्र में कैलास यात्रियों के सामान के ढुलान के लिए ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित किए थे, जो 28 मई को खुला। न्यूनतम रेट धारचूला के कुंदन भंडारी का एक रुपया 45 पैसा प्रति किलो-प्रति किमी व दूसरे धारचूला के ही अशोक सिंह का एक रुपया 80 पैसा प्रति किमी-प्रति किलो था। कम रेट वाले कुंदन को निगम द्वारा नेगोसिएशन के लिए बुलाया गया, अंतत: 1.25 रुपये की दर पर सहमति बनी। इस पर कुंदन द्वारा पांच लाख की एफडी जमानत राशि के रूप में जमा की और 110 रुपये के स्टांप पेपर में बांड भी करवा लिया, लेकिन पहली जून को निगम के कार्यवाहक एमडी व डीएम नैनीताल द्वारा निगोसिएशन के लिए दूसरे बोलीदाता अशोक सिंह को बुलाया, जिसके बाद अशोक द्वारा 86 पैसे प्रति किलो-प्रति किमी पर सहमति प्रदान की तो टेंडर दे दिया। निगम के इस फैसले को कुंदन भंडारी द्वारा याचिका के जरिए चुनौती देते हुए कहा कि निगम प्रबंधन का निर्णय ऑनलाइन बिडिंग प्रणाली के विपरीत है, जिसमें नेगोसिएशन ना होने की दशा में पहले टेंडरदाता को बुलाया जाता है, फिर ना होने की दशा में रद किया जाता है।

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इधर, एकलपीठ के फैसले को निगम प्रबंधन द्वारा विशेष अपील दायर कर चुनौती दी। खंडपीठ ने विशेष अपील खारिज कर दी। निगम प्रबंधन की ओर से कहा गया कि कैलास मानसरोवर यात्रा राष्टï्रीय महत्व की है जो शुरू हो चुकी है। इस पर कोर्ट ने शनिवार को दोनों ठेकेदारों से निगम मुख्यालय में उपस्थित होने को कहा है। साथ ही कहा है कि अशोक द्वारा पूर्व में तय रेट से कम में बोली लगाई जाएगी।

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