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कांग्रेस में टिकट को लेकर सियासी घमासान, मैनेज करने में जुटीं इंदिरा

भाजपा ने जहां मेयर प्रत्‍याशी के लिए निवर्तमान मेयर जोगेन्‍द्र रौतेला को टिकट देकर फिर से प्रत्‍याशी घोषि‍त कर दिया है वहीं कांग्रेस में इसको लेकर सियासत तेज हो गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 12:12 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 12:12 PM (IST)
कांग्रेस में टिकट को लेकर सियासी घमासान, मैनेज करने में जुटीं इंदिरा
कांग्रेस में टिकट को लेकर सियासी घमासान, मैनेज करने में जुटीं इंदिरा

नैनताल (जेएनएन): भाजपा ने जहां मेयर प्रत्‍याशी के लिए निवर्तमान मेयर जोगेन्‍द्र रौतेला को टिकट देकर फिर से प्रत्‍याशी घोषि‍त कर दिया है वहीं कांग्रेस में इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस में टिकट से पहले मान-मनोव्वल का दौर शुरू हो गया है। अभी विधिवत रूप से प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है लेकिन पूर्व दर्जा मंत्री अब्दुल मतीन सिद्दीकी के नामांकन फार्म खरीदने को लेकर में हलचल है। यह हलचल 60 हजार मुस्लिम वोटों को लेकर है। इसके अलावा कांग्रेस शासनकाल में दर्जा मंत्री रहे सुहेल अहमद व समाजवादी पार्टी से शुएब अहमद भी चुनावी मैदान में उतरते हैं तो वोट विभाजित होने का खतरा रहेगा। ऐसी स्थिति में कांग्रेस में एकजुटता बनी रहे, इसके लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश व मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष सुमित हृदयेश शनिवार को मतीन के बनभूलपुरा आवास पर पहुंचे।

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शहर में नेता प्रतिपक्ष का मजबूत आधार माना जाता रहा है। उनके लिए कांग्रेस को एकजुट करना और अपने क्षेत्र के प्रत्याशी को जिताना प्रतिष्ठा का सवाल है। प्रतिद्वंद्वी पार्टी भाजपा सत्ता में है। इसके अलावा कांग्रेस में दावेदारी करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दावेदारी की यह संख्या पांच हो गई है। ऐसे में वोटों के बिखराव को थामना बड़ी चुनौती है। पूर्व दर्जा मंत्री अब्दुल मतीन सिद्दीकी समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं। पार्टी छोड़े आने पर उन्हें दर्जा मंत्री का ओहदा भी मिला था। जहां तक पिछले मेयर चुनाव का गणित है, उसमें मतीन दूसरे नंबर पर रहे थे। हालांकि, कांग्रेस में आने के बाद उनका कद व पद पहले जैसा नहीं रहा, लेकिन मुस्लिम वोटों की अच्छी-खासी संख्या के लिहाज से उनका क्षेत्र में प्रभाव है। इसी को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश शनिवार को मतीन के आवास पर पहुंची। कांग्रेस की एकजुटता और पार्टी हित में कार्य करने को लेकर चर्चा की। हालांकि, कांग्रेस से टिकट मिलने की चर्चा में सुमित हृदयेश आगे हैं। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का मतीन के पास जाकर सियासी चर्चा करना भी मायने रखता है। इन नेताओं की करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इसे पार्टी हित में चर्चा करने की बात कही।

खजान व सुहेल ने भी बढ़ाया सियासी तापमान

कांग्रेस में दावेदारी को लेकर नामांकन फार्म खरीदने वालों का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के बेटे सुमित हृदयेश ने सुमित कुमार के नाम से नामांकन फार्म खरीद लिया है। इसके साथ ही पूर्व दर्जा मंत्री सुहेल अहमद सिद्दीकी के अलावा कांग्रेस महामंत्री खजान पांडे के नामांकन खरीदने से कांग्रेस के सियासी गलियारे का तापमान बढ़ गया है। जबकि, पहले ही पूर्व दर्जा मंत्री मतीन सिद्दीकी और कांग्रेस सचिव ललित जोशी नामांकन फार्म खरीदकर बेचैनी बढ़ा चुके हैं।

अंदरूनी राजनीति में हलचल तेज

दावेदारों की संख्या बढऩे से कांग्रेस नेताओं के लिए पार्टी के अंदर बड़ी चुनौती पैदा होती जा रही है। मतीन के बाद पूर्व दर्जा मंत्री सुहेल अहमद सिद्दीकी के नामांकन फार्म खरीदने के भी कई राजनीतिक मायने हैं। वह विज्ञप्ति जारी कर खुद के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज के 60 हजार वोटर हैं और वह हमेशा सक्रिय रहते हैं। उनके साथ पूर्व दर्जा मंत्री इकबाल भारतीय, अब्दुल समी, हसनैन खतीबी आदि शामिल रहे। महामंत्री खजान पांडे भी पिछले कई वर्षों से दावेदारी कर रहे हैं। इस बार उन्होंने नामांकन फार्म खरीदकर पार्टी की अंदरूनी राजनीति में हलचल तेज कर दी है। हालांकि, उनका कहना है कि पार्टी उनकी वरिष्ठता को देखते हुए टिकट देगी।


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