पुलिस ने कब्जे में लिया पूर्व ग्राम प्रधान का पिस्टल, खंगाली जा रही है सीसीटीवी फुटेज
चुनावी रंजिश को लेकर पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा विपक्षी प्रत्याशी के समर्थक पर फायर झोंकने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए पिस्टल को कब्जे में ले लिया है।
लालकुआं, जेएनएन : चुनावी रंजिश को लेकर पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा विपक्षी प्रत्याशी के समर्थक पर फायर झोंकने के मामले में पुलिस ने शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करते हुए पिस्टल को कब्जे में ले लिया है। पुलिस अब हिम्मतपुर चौम्वाल में घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज को डिलीट करने की भी जांच कर रही है।
आरोप है कि बीते सोमवार की रात का कुछ साथियों के साथ दुर्गापालपुर परमा के पूर्व प्रधान संजय राणा ने हिम्मतपुर चौम्वाल चौराहे पर खड़े महेश चंद्र पांडे पर चुनाव में दूसरे पक्ष अनीता बोरा का प्रचार करने की बात कहते हुए लाइसेंसी पिस्टल से तीन हवाई फायर कर दिए। साथ ही कनपटी में पिस्टल रखकर जान से मारने की धमकी भी दी गई। इस पर ग्रामीणों ने संजय राणा को गिरफ्तार करने और उसके शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने की मांग को लेकर हल्दूचौड़ चौकी में हंगामा किया। इनमें प्रत्याशी अनीता बोरा के पति जीवन बोरा समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे। उन्होंने संजय राणा, महेंद्र सिंह व राजेंद्र शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए तहरीर भी सौंपी। जिसके बाद पुलिस सत्यता को जानने के लिए घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेजे खंगालने के लिए गई तो फुटेज पहले की डिलीट कर दी गई थी।
इधर एसएसपी सुनील कुमार मीणा के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को संजय राणा का शस्त्र कब्जे में लेते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज की डीबीआर को कब्जे में लेकर फुटेज को डिलीट करने की जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक अगर फुटेज को डिलीट किया गया होगा तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
इधर प्रधान प्रत्याशी कंचन राणा का कहना है विपक्षियों द्वारा चुनावी रंजिश के चलते उनके परिवार को फंसाने का षडयंत्र किया जा रहा है। कोतवाल योगेश उपाध्याय का कहना है कि शस्त्र को कब्जे में लेते हुए लाइसेंस के निरस्तीकरण की रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी गई है।
खतरनाक रास्ते पर चुनावी रंजिश
लालकुआं: हल्दूचौड़ के दुर्गापालपुर परमा में चुनावी रंजिश दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यदि क्षेत्र के लोगों ने अगर समय रहते पहल कर दोनों गुटों के बीच सुलह नही कराई तो रंजिश खतरनाक मोड़ ले सकती है। लोगों का कहना है कि चुनाव परिणाम के बाद और भी झगड़े हो सकते हैं। जिसके लिए पुलिस को भी एहतियात बरतना होगा।