Nainital News : कुमाऊं में पुलिस का 'आपरेशन चक्रव्यूह' शुरू, रोज तीन अपराधियों का सत्यापन करेंगे थानेदार
Operation Chakravyuh in Kumaon डीआइजी डॉ. नीलेश आनंद भरणे के अनुसार अपराधियों की कुंडली तैयार हो गई है। एक वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। जिससे सभी थानाध्यक्षों को जोड़ा गया है। थानेदार रोज तीन अपराधियों के नाम इस ग्रुप पर डाले जाएंगे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Operation Chakravyuh in Kumaon : अपराध की रोकथाम और क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए कुमाऊं में पहली बार 'आपरेशन चक्रव्यूह' शुरू हो गया है। आपरेशन के तहत डीआइजी कैंप कार्यालय से रोजाना तीन अपराधियों की सूची वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से थानाध्यक्षों को भेजी जाएगी। अपराधियों के सत्यापन को एक दिन का समय मिलेगा। इससे सत्यापन के साथ थानाध्यक्ष की कार्यशैली भी परखी जाएगी।
कुमाऊं में डेढ़ हजार अपराधी
कुमाऊं के 72 थाने कुल 570 बीटों में विभाजित हैं। जहां पर डेढ़ हजार से अधिक सक्रिय अपराधी हैं। इनमें कुछ जेल तो कई जमानत पर बाहर हैं। वर्तमान में अपराधियों की गतिविधि जानने के लिए डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे (DIG Dr. Nilesh Anand Bharene) ने 'आपरेशन चक्रव्यूह (Operation Chakravyuh)' की शुरुआत की है।
वाट्सएप ग्रुप में साझा होगी जानकारी
डीआइजी (DIG Dr. Nilesh Anand Bharene) के अनुसार अपराधियों की कुंडली तैयार हो गई है। परिक्षेत्रीय स्तर पर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। ग्रुप पर सभी थानाध्यक्षों को जोड़ा गया है। रोज तीन अपराधियों के नाम ग्रुप पर डाले जाएंगे। इन नामों का थानाध्यक्ष अपने स्तर से दारोगा या सिपाही से भौतिक सत्यापन करवाएंगे। डीआइजी डा. भरणे ने बताया कि सूची में वही शामिल हैं जो समय-समय पर कुछ न कुछ करते हैं।
सत्यापन की प्रक्रिया
- सत्यापन भले ही सिपाही करें, लेकिन जिम्मेदारी थानाध्यक्ष की होगी
- वाट्सएप ग्रुप पर अपराधी का नाम, पता व मोबाइल नंबर देना जरूरी
- अपराधी का वर्तमान में प्रचलित नंबर देना होगा
- वर्तमान स्थिति व जीविका के स्रोत का विवरण लेना होगा
तीन से अधिक मुकदमे वाले सूची में
हिस्ट्रीशीटर, सक्रिय व पेशेवर व गुंडा एक्ट के ऐसे अपराधी जिन पर तीन से अधिक मुकदमे हैं, उन्हें इस सूची में शामिल किया गया है। शांतिभंग व समय-समय पर माहौल खराब करने वाले अपराधी भी इसमें शामिल हैं।
चक्रव्यूह का उद्देश्य
डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे के अनुसार कुछ दिनों पहले मैदानी व पर्वतीय क्षेत्र में 300 सिपाहियों के स्थानांतरण हुए। अधिकांश सिपाहियों को फील्ड को समझने में समय लगेगा। सत्यापन होने से सिपाही बहुत कुछ नया सीख पाएंगे।