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एटीएम से रुपये उड़ाने वाले दो अंतर्राज्यीय बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में एक एटीएम से 69,900 रुपये उड़ाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 17 Dec 2017 04:16 PM (IST)Updated: Sun, 17 Dec 2017 08:42 PM (IST)
एटीएम से रुपये उड़ाने वाले दो अंतर्राज्यीय बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे
एटीएम से रुपये उड़ाने वाले दो अंतर्राज्यीय बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे

हल्द्वानी, [जेएनएन]: नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक की कठघरिया स्थित शाखा के एटीएम से 69,900 रुपये उड़ाने वाले गिरोह के सरगना को पुलिस ने एक साथी के साथ गिरफ्तार किया है। सीसीटीवी फुटेज में तस्वीर कैद होने के बाद सर्विलांस की मदद से पुलिस को यह सफलता मिली है। इनके तीन और साथियों के नाम भी पुलिस को पता लगे हैं। दोनों बदमाशों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया। 

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नैनीताल डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक की शाखा कठघरिया के प्रबंधक दीवान सिंह बिष्ट ने 18 अगस्त को कठघरिया स्थित शाखा के एटीएम से धोखाधड़ी कर 69,900 रुपये निकालने की तहरीर मुखानी थाने में दी थी। इस पर अज्ञात के विरुद्ध 66 आइटी एक्ट और 420 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। एटीएम की सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर पुलिस को कुछ संदिग्धों के चेहरे दिखे। 

इसके बाद घटना की रात क्षेत्र में सक्रिय मोबाइल नंबरों का रिकार्ड खंगाला गया। कानपुर के कुछ मोबाइल नंबर घटना की रात क्षेत्र में सक्रिय पाए गए। एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूड़ी ने बताया कि शनिवार सुबह पुलिस ने कानपुर के शफीपुर-1, रामदेवी, थाना चेकरी, हरजिंदर नगर निवासी अर्जुन पोरवाल और ग्राम लिलेरा, देवलान, थाना गाजीपुर, जिला फतेहपुर निवासी संजय यादव को गिरफ्तार कर लिया। कानपुर में रहने वाले गिरोह के साथी शोभित, जितेंद्र उर्फ डब्बू और आशीष के नाम भी पुलिस को पता लगे हैं। गिरोह का सरगना अर्जुन पोरवाल है। इसी की कार से गिरोह के सभी सदस्य वारदात को अंजाम देने आते हैं। वारदात में प्रयुक्त कार भी बरामद कर ली गई है।  

ट्रे के रुपये उठाते ही कर देते हैं एटीएम बंद 

एसएसपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य अपने क्षेत्र के गरीब लोगों से एटीएम मांग लेते हैं और उनके खातों में खुद रुपये जमा कराते हैं। मोबाइल एप से ये एटीएम की जानकारी लेते हैं। बदमाश खासकर एनसीआर कंपनी के एटीएम को टारगेट करते हैं। इसके पीछे कारण एटीएम की प्रोसेसिंग धीमी होना है। एटीएम कार्ड को मशीन में डालने के बाद वह पासवर्ड डालते हैं। जैसे ही मशीन रुपये गिनकर ट्रे उठाने लगती है, बदमाश एटीएम को स्विच ऑफ कर देते हैं। इससे रुपये तो मशीन से बाहर आ जाते हैं, लेकिन खाते से नकदी नहीं कटती। 

कई राज्यों में दे चुके हैं घटनाओं को अंजाम 

एसएसपी ने बताया कि ये गिरोह अब तक भोपाल में केनरा बैंक, हरियाणा में कॉरपोरेशन बैंक, दिल्ली में बैंक ऑफ बड़ौदा समेत पंजाब व उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर में एटीएम से इसी तरीके से लाखों रुपये निकाल चुका है। गिरोह का सरगना एटीएम से रुपये निकालने के आरोप में पंजाब के खरार में भी गिरफ्तार हो चुका है। जबकि आशीष, शोभित भोपाल, मध्यप्रदेश में वांछित चल रहे हैं। 

इंटर पास सरगना ने ठगी के रुपयों से खोला ढाबा 

एसएसपी ने बताया कि सरगना अर्जुन इंटर पास है। जबकि बीए पास संजय उसका चालक है। पूछताछ में पता चला कि शोभित और जितेंद्र बीटेक पास हैं। दोनों एटीएम लगाने का काम कर चुके हैं। अर्जुन ने शोभित और जितेंद्र को साथ मिलाकर कुछ साल पहले एटीएम से रुपये निकालने शुरू कर दिए। इन रुपयों को जोड़कर अर्जुन कानपुर में अपना ढाबा खोल चुका है। पंजाब के खरार में भी गिरफ्तार होने पर चार माह पहले ही अर्जुन जमानत पर रिहा हुआ था। जेल से छूटते ही उसने हल्द्वानी में घटना को अंजाम दिया।   

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