Move to Jagran APP

पीएमओ पहुंचा भीमताल डैम का मामला, मुख्य सचिव को कार्यवाही के निर्देश

पीएमओ के सेक्शन अधिकारी मुकुल दीक्षित ने प्रदेश के मुख्य सचिव को कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनोज भट्ट ने सार्वजनिक हित में डैम की मरम्मत को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 07:45 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 07:45 PM (IST)
पीएमओ पहुंचा भीमताल डैम का मामला, मुख्य सचिव को कार्यवाही के निर्देश
निर्धारित मियाद पूरी होने के बाद डैम की स्थिति बहुत खराब हो गई है।

जागरण संवाददाता, भीमताल (नैनीताल) : अंग्रेजों द्वारा तराई में गर्मियों के दौरान सिंचाई की व्यवस्था करने के लिये भीमताल में बनाए गए डैम की निर्धारित मियाद पूरी होने और उसके जर्जर होने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया है। इस मामले में पीएमओ के सेक्शन अधिकारी मुकुल दीक्षित ने प्रदेश के मुख्य सचिव को कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। भाजपा के मंडल अध्यक्ष मनोज भट्ट ने सार्वजनिक हित में डैम की मरम्मत को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। जिसका संज्ञान प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिया है। अंग्रेजों ने 1880 में भीमताल डैम का निर्माण किया था। जिसकी कार्यक्षमता सौ वर्ष तय की थी। निर्धारित मियाद पूरी होने के बाद डैम की स्थिति बहुत खराब हो गई है। जहां इसकी दीवार से जगह -जगह से पानी का रिसाव हो रहा है तो वहीं भीमताल का भीमेश्वर मंदिर भी इसकी चपेट में है। मंदिर की दीवार से पानी की मोटी धारा बह रही है। इससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है। वहीं डैम से नीचे की ओर बने पर्यावरण मित्रों की कालोनी को भी खतरा है। जब बरसात में डैम का पानी बढ़ जाता है तो पानी पूरे वेग के साथ कालोनी की सुरक्षा दीवार को भी प्रभावित करता है। इससे कालोनी में रहने वाले कर्मचारियों को खतरा रहता है। मंडल अध्यक्ष के पत्र का हवाला देकर पीएमओ ने अब मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार को कार्यवाही करने को निर्देशित किया है।

loksabha election banner

सिंचाई विभाग ने भेजा था 14 करोड़ का प्रस्ताव

भीमताल का डैम वर्तमान में भी क्रियाशील है। इसमें  इसकी क्षमता के 45 फिट के सापेक्ष वर्तमान में भी 42 फिट पानी भरा जा सकता है। पर जब इसमें पानी भरा जाता है तब डैम की दीवारों से भी पानी का रिसाव होने लगता है। जिससे कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित होने की संभावना रहती है। डैम की मरम्मत और सिल्ट आदि निकालने के लिए सिंचाई विभाग ने लगभग 14 करोड़ की योजना का प्रस्ताव केन्द्र में भेजा था। जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। विधायक राम सिंह कैड़ा ने विधान सभा में भी झील की सफाई आदि का प्रकरण सदन में उठाया था। उस समय सदन के दौरान एक वैज्ञानिकों की टीम भीमताल भेजने की जानकारी दी गई थी। कोरोना के चलते अभी टीम नही पहुंची है। पीएमओ कार्यालय के द्वारा मामले को संज्ञान में लेने पर स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों और जनप्रतिनिधियों में अब डैम की मरम्मत होने की उम्मीद जगी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.