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साकार नहीं हो सकी रामनगर में ट्युलिप गार्डन विकसित करने की योजना

रामनगर में प्रस्‍तावित ट्यूलिप गार्डन विकसित करने की योजना धरी की धरी रह गई। छोई रेशम बाग में स्थापित किए जाने वाले ट्यूलिप गार्डन को न तो वित्तीय स्वीकृति मिल पाई और न ही गार्डन की प्रस्तावित जमीन वन विभाग से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित हो पाई।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 09:03 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 09:03 AM (IST)
साकार नहीं हो सकी रामनगर में ट्युलिप गार्डन विकसित करने की योजना
साकार नहीं हो सकी रामनगर में ट्युलिप गार्डन विकसित करने की योजना

संवाद सूत्र, रामनगर : सियासी खींचतान के चलते रामनगर में प्रस्‍तावित ट्यूलिप गार्डन विकसित करने की योजना धरी की धरी रह गई। नेताओं की आपसी खींचतान के चलते छोई रेशम बाग में स्थापित किए जाने वाले ट्यूलिप गार्डन को न तो वित्तीय स्वीकृति मिल पाई और न ही गार्डन की प्रस्तावित जमीन वन विभाग से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित हो पाई।

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अमृता रावत का था ड्रीम प्रोजेक्ट

असल मे जब अमृता रावत रामनगर से विधायक चुने जाने के बाद कांग्रेस सरकार में पर्यटन और उद्यान मंत्री बनी तो एक नही कई बार उन्होंने कॉर्बेट में पर्यटकों के बढ़ते दवाब को कम करने के लिए रामनगर में ट्यूलिप गार्डन बनाए जाने की घोषणा की थी। यह उनका एक सपना था। इसके लिए शासन स्तर पर उन्होंने कई प्रयास भी किए थे।

छोई में रेशम बाग में चयनित हुई थी भूमि

साल 2014 में वन विभाग के रेशम प्लांट को ट्यूलिप गार्डन के लिए चयनित किया गया था। तत्कालीन पर्यटन मंत्री अमृता रावत का कहना था कि दस एकड़ में स्थापित भूमि पर रेशम विभाग की लीज समाप्ति पर है। इसलिए इस भूमि पर ट्यूलिप गार्डन भी स्थापित किया जाए। उन्होंने 90 साल के लिए इस भूमि की लीज की अवधि बढ़ाये जाने का अनुरोध तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से किया था।

राजनीति की भेंट चढ़ गया सारा मामला

उस दौर में अमृता रावत के पति सतपाल महाराज ने भाजपा का दामन थाम लिया। जिसके चलते अमृता रावत और तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के बीच दूरियां बढ़ती चली गई। अमृता रावत ने कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने ट्यूलिप गार्डन के जो सपने देखे थे वह सब धूल धूसरित हो गए।

नए सिरे से होंगे प्रयास

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि रामनगर में ट्यूलिप गार्डन बनना था मगर उस समय मुख्यमंत्री हरीश रावत इसे रामनगर से अन्यत्र ले गए। अब नए सिरे से रामनगर में इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे।


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