आश्वासन के बाद पीजी डाक्टर्स की हड़ताल समाप्त, 30 नवंबर से हल्द्वानी मेडिकल कालेज में चल रही थी हड़ताल
प्रांतीय चिकित्सा संघ से जुड़े राजकीय मेडिकल कालेज के पीजी डाक्टरों ने बीते 30 नवंबर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। धरने पर डटे 55 पीजी डाक्टरों की मांग थी कि उन्हें पूरे काम के बदले पूरा वेतन दिया जाए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बीते दस दिनों से हल्द्वानी मेडिकल कालेज में चल रही पीजी डाक्टरों की हड़ताल गुरुवार को समाप्त हो गई है। स्टाइपेंड का लाभ देने और जाब कंटीन्यू रखने की मांग पर आश्वासन मिलने के बाद क्रमिक हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया गया है। प्रांतीय चिकित्सा संघ से जुड़े राजकीय मेडिकल कालेज के पीजी डाक्टरों ने बीते 30 नवंबर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। धरने पर डटे 55 पीजी डाक्टरों की मांग थी कि उन्हें पूरे काम के बदले पूरा वेतन दिया जाए। इसके बाद सभी पीजी डाक्टरों ने राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी के प्रशासनिक भवन के आगे क्रमिक अनशन तक शुरू कर दिया था। मेडिकल कालेज प्रशासन और शासन से कई दौर की वार्ता भी विफल रही। वहीं कुछ दिनों पहले देहरादून में स्वास्थ्य सचिव से हुई वार्ता में भी सचिव ने पूर्ण वेतन की मांग मानने से इनकार कर दिया था। क्रमिक अनशन पर डटे पीजी डाक्टरों का कहना था कि वे ड्यूटी पूरी कर रहे हैं तो तनख्वाह भी पूरी ही मिलनी चाहिए।
आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डाक्टरों को पूरी तनख्वाह देने की घोषणा की थी। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। इधर, बुधवार देर रात तक डाक्टरों ने कैबिनेट मीटिंग में लिए गए निर्णय का इंतजार करते रहे। हड़ताल में शामिल डा. सुरेश ने बताया कि उनकी स्टाइपेंड देने और जाब कंटीन्यू रखे जाने की मांग पर सहमति बनी है। फिलहाल एरियर भुगतान मामले में संशय बना हुआ है। कहा कि वेतन बढ़ाने की मुख्य मांग को लेकर जल्द ही एक ड्राफ्ट तैयार कर सीएम से मुलाकात की जाएगी। बताया कि फिलहाल के लिए हड़ताल वापस ले ली गई है। इस मौके पर डा. चंद्रमोहन, डा. महेश, डा. मोहित, डा. यती उप्रेती, डा. सुरभि, डा. मनीष, डा. मनोज असवाल, डा. सुरेश आदि मौजूद रहे।