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diwali-2019 साढ़े आठ बजे तक है महालक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त, पद्म योग, चित्रा व स्वाति नक्षत्र में मनाई जा रही दीपावली

रोशनी का पर्व दीपावली इस बार पद्म योग चित्रा व स्वाति नक्षत्र में मनाई जाएगी। विशेष योग के चलते दीपावली शुभ फलदायक रहने वाली है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Oct 2019 08:59 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 05:24 PM (IST)
diwali-2019 साढ़े आठ बजे तक है महालक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त, पद्म योग, चित्रा व स्वाति नक्षत्र में मनाई जा रही दीपावली
diwali-2019 साढ़े आठ बजे तक है महालक्ष्मी पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त, पद्म योग, चित्रा व स्वाति नक्षत्र में मनाई जा रही दीपावली

हल्द्वानी, जेएनएन : रोशनी का पर्व दीपावली इस बार पद्म योग, चित्रा व स्वाति नक्षत्र में मनाई जाएगी। विशेष योग के चलते दीपावली शुभ फलदायक रहने वाली है। ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक दीपावली के दिन महालक्ष्मी के साथ, कुबेर व अष्ट सिद्धियों का पूजन करना चाहिए। शास्त्रों में सायंकाल प्रदोष काल में पूजन करने को विशेष फलदायक बताया गया है। रविवार को दीपावली के दिन सायंकाल 5:30 बजे से रात्रि 8.25 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। यह समय घर, प्रतिष्ठान, मिल, मंदिर आदि में पूजा के लिए उपयुक्त समय है। लक्ष्मी पूजन में श्री सूक्त पाठ, कनक धारा स्तोत्र व दुर्गा सप्तशती पाठ करना श्रेयस्कर रहेगा।

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महा निशा काल पूजन मुहूर्त:  रात्रि 11:35 से 12:50 बजे तक।

तांत्रिक पूजा के लिए महा निशीथ काल : रात्रि 12:05 से मध्य रात्रि 2:30 बजे तक

महालक्ष्मी पूजा की सामग्री

-दीपावली की पूजा के लिए माता लक्ष्मी व श्री गणेश की मूर्तियां बैठी हुई मुद्रा में रखें।

-सूखे मेवे, मिठाई, दही, गंगाजल, धूपबत्ती, अगरबत्ती व 11 दीपक।

-केसर, रोली, चावल, पान, सुपारी, फल, फूल, दूध, खील, बताशे, सिंदूर, शहद, सिक्के और दो लौंग।

-रूई तथा कलावा, नारियल व तांबे का कलश।

तीन थाल सजाएं

-पहली थाली में 11 दीपक को घी, तेज आदि से जलाएं, इसमें खील के 3-4 दाने डालें।

-दूसरी थाली में खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चंदन का लेप, सिंदूर, कुमकुम, सुपारी, पान, सिक्के रखें।

-तीसरी थाली में फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर, कपूर, धूपबत्ती, एक दीपक रखें।

28 अक्टूबर को होगी गोवर्धन पूजा

श्रीकृष्ण ने द्वापर में लोगों को अतिवृष्टि से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाया था। तभी ने गोवर्धन पूजा की परंपरा चली आ रही है। अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के लिए दोपहर बाद 3:20 बजे से सायं 5:35 बजे तक का मुहूर्त रहेगा। इस दिन गाय का पूजन करने का विधान है।

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