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बारिश के कारण चीन सीमा को जोडऩे वाला मार्ग दूसरे दिन भी नहीं खुला, बागेश्‍वर में छह मकान ढहे

कुमाऊं में बारिश के कारण जनजीवन अस्‍त व्‍यस्‍त है। रविवार रात से जगह-जगह हो रही बारिश के कारण पर्वतीय लोगों को खासी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 06:06 PM (IST)
बारिश के कारण चीन सीमा को जोडऩे वाला मार्ग दूसरे दिन भी नहीं खुला, बागेश्‍वर में छह मकान ढहे

पिथौरागढ़/बागेश्वर, जेएनएन : कुमाऊं में बारिश के कारण जनजीवन अस्‍त व्‍यस्‍त है। रविवार रात से जगह-जगह हो रही बारिश के कारण पर्वतीय लोगों को खासी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिथ्‍ाौरागढ़ जिले में मध्यम बारिश के चलते प्रमुख मार्ग प्रभावित नहीं हुए परंतु चीन सीमा को जोडऩे वाला तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग दूसरे दिन भी यातायात के लिए नहीं खुला। जिले के दस ग्रामीण मार्ग अभी भी बंद है। काली नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से थोड़ा नीचे बह रहा है। वहीं बागेश्‍वर में बारिश के चलते छह आशियाने ध्वस्त हो गए हैं।

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रविवार को सर्वाधिक 34 मिमी वर्षा तहसील पिथौरागढ़ में हुई। गंगोलीहाट में 6 मिमी, बेरीनाग में 12 मिमी, डीडीहाट में 15 मिमी, धारचूला में 8.6 मिमी और मुनस्यारी में 16 मिमी वर्षा हुई। रात को भी जिले में हल्की वर्षा रही। सोमवार सुबह आठ बजे तक पूरे जिले में रिमझिम बारिश रहने के बाद मौसम खुल गया। बारिश में भूस्खलन व मलबा गिरने से जिले में दस मोटर मार्ग बंद हैं जिसमें अधिकांश मोटर मार्ग प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के हैं। 

तवाघाट-सोबला-दारमा मार्ग बंद होने से तल्ला दारमा और चीन सीमा से लगे मल्ला दारमा का शेष जगत से सम्पर्क भंग है। दारमा के लोगों को पैदल आवागमन करना पड़ रहा है। बीआरओ संचालित मार्ग के दो दिन से बंद होने से सोबला से लेकर दर तक वाहन फंसे हुए हैं। दस मार्ग बंद होने से लगभग सवा लाख की आबादी प्रभावित है। जिसमें कई मार्ग विगत दो माह से बंद पड़े हैं। गलाती और रमतोली के ग्रामीण नौ किमी पैदल चलकर सड़क तक पहुंच पा रहे हैं।

जिले के बंद मार्ग 

1. तवाघाट- सोबला

2. तेजम -कपकोट-सामा

3. मसूरीकांठा- होकरा

4. नाचनी -बांसबगड़

5. गलाती -रमतोली

6. बांसबगड़ -गूटी

7. पौड़ी -गटकूना

8. सोसा- सिर्खा 

9. छिरकिला - जम्कू 

10. मदकोट -फाफा 

काली नदी चेतावनी स्तर से थोड़ा नीचे बह रही है

क्षेत्र में बारिश का वेग बहुत अधिक नहीं है परंतु काली नदी का जलस्तर अभी भी बढ़ा है। धारचूला में काली नदी 888.50 मीटर पर बह रही है। चेतावनी लेबल 889 मीटर और खतरे का निशान 890 मीटर है। गोरी, सरयू नदी का जलस्तर अभी स्थिर है।

छह लोगों के उजड़ गए आशियाने

बागेश्‍वर : जिले में हो रही बारिश से जनजीवन पटरी से उतर गया है। बारिश के चलते छह आशियाने ध्वस्त हो गए हैं। प्रभावितों ने पड़ोसी और पंचायत घर में शरण ली है। जिला प्रशासन पीडि़तों को हरसंभव मदद कर रहा है और पांच ग्रामीण सड़कें भी आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। बारिश का सिलसिला अभी रुका नहीं और लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गईं हैं। बारिश के कारण जिले की नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और गाड़-गधेरे उफन आए हैं। जिससे जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है और गांवों को जोडऩे वाले रास्ते भी तहस-नहस हो गए हैं। शहरी क्षेत्र में कमलठ और नालियों की सफाई नहीं होने से बारिश का पानी सीधे लोगों के घरों में घुस रहा है। जिससे लोगों का कीमती समान भी खराब होने लगा है। वहीं, ग्रामीण सड़कें बंद होने से वहां जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है। लोग नमक, तेल, चीनी आदि सामग्री के लिए कई किमी पैदल चलकर बाजार तक पहुंच रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने सड़क खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई हैं और दो से तीन घंटे से अधिक देर तक सड़कें बंद नहीं रह रही हैं।

ये हुए बेघर 

सेला गांव निवासी गुलाब राम पुत्र देव राम का मकान ध्वस्त हो गया है। ढुकुरा, गागरीगोल निवासी हीरा राम पुत्र विजय राम, फुलवाड़ीगूंठ निवासी भैरव गिरी पुत्र देव गिरी, देवलविछराल निवासी सुंदर राम पुत्र कुशाल राम आदि लोगों के मकान भी बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। उन्होंने पड़ोसियों के घरों में शरण ली है। जबकि सिया गांव के जगदीश प्रसाद पुत्र प्रताप राम का परिवार पंचायतघर में शिफ्ट किया गया है। वहीं कांडा के सुनारगांव निवासी जगदीश लाल वर्मा पुत्र श्याम लाल वर्मा का मकान आंशिक क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रभावित परिवार ने घर छोड़ दिया है।

पांच सड़कों पर आया मलबा

पालड़ीछीना-जैनकरास मोटर मार्ग मे भारी मात्रा में मलबा आ गया है। कंधार-रौल्याना-मजकोट की दीवार धंस गई है। कपकोट-लीली, कर्मी-बघर मोटर मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है। रौल्याना-लोहारगढ़ी सड़क जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से बंद हो गई है। 


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