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नंदा देवी हिमस्खलन की घटना को याद कर सिहर उठते हैं लोग, सात पर्वातारोहियों की गई थी जान, एक अब भी लापता

26 मई 2019 को इंग्लैंड अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोही और एक भारतीय लाइजन अफसर नंदादेवी में आए बर्फीले तूफान में लापता हो गए थे। 21 दिनों तक चले वायुसेना के इस अभियान के तहत 23 जून को छह विदेशी पर्वतारोहियों और एक भारतीय के शव को निकाला गया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 05:13 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 05:13 PM (IST)
नंदा देवी हिमस्खलन की घटना को याद कर सिहर उठते हैं लोग, सात पर्वातारोहियों की गई थी जान, एक अब भी लापता
आइटीबीपी के नेतृत्व में डेयर डेविल्स नाम से रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : चमोली व बागेश्वर की सीमा पर स्थित त्रिशूल चोटी पर आरोहण के लिए निकला भारतीय नौसेना का दल व पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक इन्हें खोजने के लिए सर्च व रेस्क्यू टीम हेलीकाप्टर से रवाना हो चुकी है। फिलहाल पांच नौसेना के जवान व एक पोर्टर अभी लापता बताए जा रहे हैं। 

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हिमस्खलन की इस घटना से पिथौरागढ़ के नंदादेवी एवलांच की याद ताजा हो गई। लोगाें को घटना की याद से ही सिहरन हो उठती है। दरअसल, 26 मई 2019 को इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के सात पर्वतारोही और एक भारतीय लाइजन अफसर नंदादेवी में आए बर्फीले तूफान में लापता हो गए थे। 21 दिनों तक चले वायुसेना के इस अभियान के तहत 23 जून को छह विदेशी पर्वतारोहियों और एक भारतीय लाइजन अफसर के शव को बर्फ से निकाला गया। आठवें पर्वतारोही का पता नहीं चल सका। इसके बाद 13 जून से आइटीबीपी के नेतृत्व में डेयर डेविल्स नाम से रेस्क्यू अभियान चलाया गया।

तीन जुलाई को वायु सेना के चीता हैलीकॉप्टरों से शवों को पहले मुनस्यारी फिर एमआइ-17 से पिथौरागढ़ लाकर पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेज दिया गया। तीन जुलाई तक भारतीय लाइजन अफसर अल्मोड़ा निवासी चेतन पांडेय और एकमात्र महिला पर्वतारोही रूथ मैकेंस की ही शिनाख्त हुई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने अन्य छह पर्वतारोहियों के शवों की फोटो और पासपोर्ट नंबर व अन्य दस्तावेज संबंधित देशों के दिल्ली स्थित दूतावासों को भेज दिए थे।

यह था पूरा घटनाक्रम

इंग्लैंड, अमेरिका और आस्ट्रेलिया के 12 पर्वतारोहियों का दल दस मई को दिल्ली से नंदा देवी ईस्ट अभियान में निकला था। 13 मई को यह दल मुनस्यारी से नंदा देवी बेस कैंप को रवाना हुआ। अभियान दल में शामिल एक पर्वतारोही स्वास्थ्य खराब होने से वापस लौट गया था। 11 पर्वतारोही अभियान में रवाना हुए। नंदा देवी ईस्ट अभियान सफल होने के बाद इंग्लैंड निवासी चार पर्वतारोही बेस कैंप में रहे। सात पर्वतारोही यहां पर एक अनाम चोटी आरोहण के दौरान लापता हो गए थे।

अनाम चोटी आरोहण के दौरान 26 मई को आए एवलांच में सात पर्वतारोही और एक आइएमएफ का लाइजन अफसर इसकी चपेट में आ गए। 31 मई को दल में शामिल पोटर्स ने इसकी सूचना आइएमएफ दिल्ली को दी। जहां से सूचना पिथौरागढ़ प्रशासन को मिली। सूचना मिलते ही वायु सेना के हेलीकॉप्टरों से नंदा देवी क्षेत्र की रैकी गई। रैकी में नंदा देवी में पांच शव नजर आए। इसी दौरान नंदा देवी बेस कैंप से चार इंग्लैंड निवासी पर्वतारोहियों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ लाया गया। बाद में चारों पर्वतारोही अपने देश लौट गए थे।

कुशल पर्वतारोही माने जाते थे मार्टिन

लापता मार्टिन मोरेन विश्व के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोही माने जाते थे। बताया जाता है कि मार्टिन को नंदा देवी क्षेत्र खूब प्रिय था। वह इस दल में शारीरिक रूप से सबसे मजबूत सदस्य भी थे।

पर्वतारोहियों के नाम व देश

1. टीम लीडर मार्टिन मोरेन (इंग्लैंड)

 2. जॉन चार्लिस मैकलर्न इंग्लैंड

3. रिचर्ड प्याने, इंग्लैंड

4. रुपर्ड वेवेल, इंग्लैंड

5. एंथोनी सुडेम, अमेरिका

6. रोनाल्ट वीमेल, अमेरिका

7. रूथ मेकेंस महिला पर्वतारोही आस्ट्रेलिया

8. चेतन पांडेय, लाइजन अफसर, उत्तराखंड


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