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पीसीसी संग निकाय चुनाव को भी लगाई दिल्ली दौड़

प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में नामित सदस्यों की दूसरी सूची घोषित होते ही कुमाऊं के कांग्रेसियों ने दिल्ली दौड़ भी लगा ली।

By Edited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 09:14 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 10:19 AM (IST)
पीसीसी संग निकाय चुनाव को भी लगाई दिल्ली दौड़
पीसीसी संग निकाय चुनाव को भी लगाई दिल्ली दौड़
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में नामित सदस्यों की दूसरी सूची घोषित होते ही कुमाऊं के कांग्रेसियों ने दिल्ली दौड़ भी लगा ली। इसमें कुछ को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सम्मेलन में शरीक होना था तो कुछ को निकाय चुनाव के लिए भूमिका दिल्ली से ही तैयार करनी थी। हालांकि पहली सूची के बाद से पार्टी में उठ रही धड़ेबाजी की चिंगारी अभी दूसरी सूची से भी पूरी तरह नहीं बुझी है। पूर्व सीएम हरीश रावत समर्थकों एवं स्थानीय स्तर पर कद्दावर नेताओं के पक्ष व विपक्ष में रहने वालों के हिसाब से अपने-अपनों को पीसीसी में जगह दिए जाने का आरोप अंदरखाने लगाया जा रहा है। ========= इन नामों को दोबारा मिली जगह कुमाऊं से कुछ खास नामों में खजान पांडे, शिल्पी अरोड़ा, संजय नेगी, प्रकाश जोशी, अलका पाल, ललित जोशी, संजय किरोला, खष्टी बिष्ट, रेनू जोशी, प्रीत ग्रोवर, अरुण शुक्ला, संध्या डालाकोटी, हरीश आर्य आदि शामिल किए गए हैं। पहली सूची में इनमें से कुछ नामों के न होने से कार्यकर्ता स्तर पर नाराजगी सोशल मीडिया पर भी झलक आई थी। ========== पार्टी में पीसीसी से खिंची धड़ेबाजी की और लंबी लाइन पीसीसी की 78 मनोनीत सदस्यों वाली दूसरी सूची शुक्रवार रात जारी हुई थी। इस सूची पर सभी की निगाहें थी। खास तौर पर धड़ों में बंटी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पहली सूची के बाद से ही सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। पहली सूची में पूर्व सीएम हरीश रावत के धड़े को तरजीह न मिलने की बात कही जा रही थी। दूसरी मनोनीत (को-ऑप्टेड) सदस्यों की सूची के बाद भी यह नाराजगी पूरी तरह दूर नहीं हुई है। =========== निकाय चुनाव के लिए भी कई का दिल्ली में डेरा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सम्मेलन से अधिकांश लोग लौट आए हैं। फिर भी कुमाऊं के तमाम ऐसे चेहरे सम्मेलन से पहले और बाद तक भी दिल्ली में जमे रहे। इनमें से तमाम एआइसीसी सदस्य भी नहीं हैं। दरअसल यहां होने वाले नगर निगम, पालिका एवं पंचायतों के चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी के लिए अपने आकाओं के साथ वह दिल्ली में भी भूमिका बनने की आस लगी रही। =========== अब अल्पसंख्यकों को तरजीह न मिलने का मामला हल्द्वानी : पीसीसी की दूसरी सूची के बाद भी अब अल्पसंख्यक वर्ग को तरजीह न मिलने का मामला सोशल मीडिया में उछला है। इसमें फोकस हल्द्वानी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके बनभूलपुरा पर है। पूर्व में यहां से चार-चार दर्जाधारी मंत्री भी चुने गए हैं। बावजूद इसके इस बार पीसीसी में जगह न मिलने को सोशल मीडिया में खास वर्ग की उपेक्षा से जोड़ा जा रहा है।

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