एक-दो नहीं, छह बार फतह की लद्दाख की सबसे ऊंची चोटी
रामनगर के पवन छह बार लद्याख की सबसे ऊंची चोटी फतह करने में सफलता हासिल की।
संवाद सहयोगी, रामनगर : पूरी तबियत से कोई भी का किया जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। सफलता अर्जित करने वाले ही मिसाल बनते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है ढिकुली गांव निवासी पवन कुमार ने। पवन ने लद्दाख के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर स्टॉक कांगरी को फतह कर अपनी सफलता के झांडे गाड़े हैं। पहाड़ चढ़ने पर जहां सामान्य लोगों की सांस थोड़ी सी चढ़ाई पर ही फूलने लगती है, वहीं समुद्र तल से 6,153 मीटर ऊंची इस चोटी को पवन ने एक या दो नहीं, बल्कि छह बार फतह किया है। वह अब उत्तराखंड की सबसे कठिन चोटी मेरू की ऊंचाई नापने का लक्ष्य बना रहे हैं।
26 वर्षीय पवन कुमार वर्ष 2010 से ही वह पहाड़ों की ऊंचाई नाप रहे हैं। इसके लिए उन्होंने नेहरू पर्वतारोही संस्थान से प्रशिक्षण लिया था। वह ऋषिकेश ट्रैकिंग कंपनी ट्रैक द हिमालयाज के गाइड लीडर भी हैं। पवन बताते हैं कि पर्वतारोहण करते हुए वह उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, लेह-लद्दाख और सिक्किम के हिमालय रेंज में जा चुके हैं। उन्होंने ट्रैक द हिमालयाज के साथ मिलकर स्वच्छ बुग्याल की भी पहल की थी, जिसमें बुग्यालों और पर्वतों के आसपास कचरा साफ कर आसपास की नगर पालिकाओं को सौंपा गया था। उन्हें यह प्रेरणा अपने पर्वतारोही मित्र अर्जुन बाजपेयी से मिली थी।
पवन का लक्ष्य अब उत्तराखंड की सबसे कठिन चोटी मेरू को फतह करने का है, जिसकी ऊंचाई 6,660 मीटर है। रामनगर आगमन पर उनके पर्यावरण मित्रों ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि वह अपने लक्ष्य में अवश्य सफल होंगे। लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।