बागेश्वर में छुट्टी के दिन भी धरने पर डटे पटवारी, पटरी से उतरी गांवों की सुरक्षा
राजस्व निरीक्षक उपनिरीक्षक व राजस्व सेवक संघ के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। उन्होंने तहसील परिसर पर धरना दिया। जिलाध्यक्ष जगदीश परिहार ने कहा कि राजस्व निरीक्षक व रजिस्टार कानूनगो के पदों को एकीकृत न किए जाने की मांग पर कार्रवाई कर रहा है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : क्रिसमस के अवकाश पर भी पर्वतीय पटवारी राजस्व संवर्गीय कर्मचारी महासंघ आंदोलन पर डटा रहा। कांग्रेस ने आंदोलन को समर्थन दिया। चार सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील परिसर नारेबाजी के साथ धरना दिया। हड़ताल से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की कानून व्यवस्था के साथ ही भूमि और अन्य प्रमाणपत्र बनने भी बंद हो गए हैं। जिससे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।
राजस्व निरीक्षक, उपनिरीक्षक व राजस्व सेवक संघ के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन भी जारी रही। उन्होंने तहसील परिसर पर धरना दिया। जिलाध्यक्ष जगदीश परिहार ने कहा कि राजस्व निरीक्षक व रजिस्टार कानूनगो के पदों को एकीकृत न किए जाने की मांग पर कार्रवाई कर रहा है। संगठन की आपत्ति के बाद भी एकीकरण का प्रस्ताव तैयार किया है। उन्होंने 16वें बैच के राजस्व निरीक्षक प्रशिक्षण व राजस्व निरीक्षक क्षेत्रों के पुनर्गठन पर कार्रवाई न होने पर भी नाराजगी व्यक्त जताई। साथ ही समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने की मांग की। इस मौके पर त्रिभवुन बोरा, सुरेंद्र कुमार, कुंदन सिंह मेहता, सुरेश सिंह राठौर, प्रवीण सिंह टाकुली, रमेश चंद्र, भगवती जोशी, मनोज कुमार, पप्पू लाल आदि मौजूद थे। इधर, कांग्रेस के भैरव नाथ टम्टा, रतन सिंह किरमोलिया, दयाल सिंह बिष्ट, हीरा सिंह पटवाल, संजय कुमार आदि ने आंदोलन को समर्थन दिया।
60 पटवारियों के पास आधी आबादी
जिले में 138 पटवारियों के पद सृजित हैं। जिसके सापेक्ष 60 पटवारी तैनात हैं। जबकि 78 रिक्त चल रहे हैं। उनके हाथ ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा के अलावा भूमि, अन्य प्रमाणपत्रों का भी जिम्मा है।एक पटवारी के पास दो से चार ग्राम पंचायत तक हैं।