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चौथी मंजिल पर उगाई जैविक सब्जियां, खिलाए फूल

कूड़ा बीनने और भीख मांगने वाले बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संचालित डे केयर सेंटर बच्चों को खेती-बागवानी के तौर तरीकों से भी रूबरू करा रहा है।

By Edited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 08:01 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 05:06 PM (IST)
चौथी मंजिल पर उगाई जैविक सब्जियां, खिलाए फूल
चौथी मंजिल पर उगाई जैविक सब्जियां, खिलाए फूल

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कूड़ा बीनने और भीख मांगने वाले बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए संचालित डे केयर सेंटर बच्चों को खेती-बागवानी के तौर तरीकों से भी रूबरू करा रहा है। सेंटर आने वाले बच्चे खेल-खेल में सब्जियां उगाने व उनकी देखरेख का तरीका समझते हैं। यह नायाब पहल बच्चों में पेड़-पौधों के प्रति जुड़ाव पैदा करने के साथ पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दे रही है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सहयोग से धरोहर संस्था ने फरवरी 2017 में हल्द्वानी में डे केयर सेंटर शुरू किया। यहां आने वाले बच्चों को खेल, मनोरंजन आदि माध्यम से शिक्षित किया जाता है। सेंटर ने नई पहल करते हुए भवन के चौथी मंजिल पर किचन गार्डन विकसित किया है। जिसमें सीजन के अनुसार सब्जियां उगाई जाती हैं। इस समय टमाटर, बैगन, हरी मिर्च, पुदीना उगाया गया है। परिसर आकर्षक फूलों से महका रहता है।

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 पौष्टिक व ताजा भोजन होता है उपलब्ध

रोजाना दिन में आठ घंटे सेंटर में रहने वाले बच्चों को दोपहर का खाना भी उपलब्ध कराया जाता है। किचन गार्डन होने से बच्चों को ताजा व पौष्टिक भोजन मिल जाता है। वर्तमान में 49 बच्चे सेंटर आते हैं।

पौधों से जुड़ाव महसूस कर रहे बच्चे

बाल आश्रय गृह के को-ऑडिनेटर प्रकाश चंद्र पांडे कहते हैं कि किचन गार्डन विकसित करने का आइडिया बच्चों को काफी पसंद आया है। बच्चे पौधों से जुड़ाव महसूस करने लगे हैं और ये पौधा मेरा, इसकी देखभाल में करूंगा की भावना आ रही है।

किचन गार्डन की बढ़ रही लोकप्रियता

लगातार कम होती खेती की जमीन और ताजी व घर की उगाई सब्जियां खाने की लालसा ने किचन गार्डन की परंपरा को तेजी से आगे बढ़ाया है। हल्द्वानी में तमाम जगह बालकनी, घरों की छत में सब्जियां उगाई जा रही है। इसके लिए गमले व प्लास्टिक बैग का प्रयोग होता है।


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