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पांच वाणी के पाठ से अखंड पाठ सहिब का समापन

गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में शबद-कीर्तन से निहाल हुई संगत।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 07:37 PM (IST)
पांच वाणी के पाठ से अखंड पाठ सहिब का समापन
पांच वाणी के पाठ से अखंड पाठ सहिब का समापन

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गुरु ग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब में गुरमत समागम व कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। सुबह छह बजे से शुरू हुए दीवान में सबसे पहले पांच वाणी के पाठ हुए। इसके बाद विगत दो महीने से चल रहे अखंड पाठ साहिब का समापन हुआ।

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सोमवार को सजे दीवान में खालसा स्कूल एवं श्री गुरु तेग बहादुर स्कूल के बच्चों के साथ शहर के सभी गुरुद्वारों के रागी सिंह ने गुरवाणी गायन किया। केशगढ़ साहिब व आनंदपुर साहिब से आए भाई सिमरप्रीत सिंह ने अमृत नाम परमेश्वर तेरा, जो सिमरे सो जीवे शबद का गायन कर संगत को निहाल किया। मुख्य ग्रंथी ज्ञानी इंदरजीत सिंह ने सब सिखन को हुकम है गुरु मानियो ग्रंथ परगट गुरां की देह के जयघोष के साथ दीवान की समाप्ति की। जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल के घोष से दरबार गूंज उठा।

कीर्तन दरबार की समाप्ति के बाद लंगर का आयोजन किया गया। तकरीबन दस हजार लोगों ने लंगर छका। गुरु ग्रंथ साहिब में पर्यावरण संरक्षण पर लिखी गई गुरुवाणी हल्द्वानी: गुरुमत समागम में शबद-कीर्तन के बाद संगरूर से आए कथा वाचक ज्ञानी मनदीप सिंह मुरीद ने संगत को गुरु ग्रंथ साहिब की महानता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी रचते समय गुरुओं ने अपनी दूरदर्शिता से वैज्ञानिक तथ्यों को सामने रखा। तार्किक तरीके अपनी बात रखते हुए गुरवाणी के माध्यम से अपनी पर्यावरण जागरूकता का संदेश आम जनमानस तक पहुंचाया। उन्होंने बताया कि गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज पवन गुरु पानी, पिता माता धरत महात का अर्थ है कि हवा हमारे गुरु के समान है और हमें सिखाती है कि हमें पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना चाहिए। पानी हमारे पिता के समान है, जिस प्रकार पिता अपने पूरे परिवार के लिए त्याग कर परिवार को पालता है और बदले में परिवार का प्यार उन्हें मिलता है। इसी प्रकार हमें पानी को प्रदूषित होने से बचाना चाहिए और पानी की बचत करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढि़यों को भी स्वच्छ पानी मिले। इसी तरह जिस प्रकार मा अपने बच्चे की देखभाल करती है। उसी महानता के साथ ये धरती हमें इतनी सौगातें देती है कि उसका अहसान चुकाना हमारे लिए नामुमकिन है। इस मौके पर दरबार साहिब अमृतसर से आए हरकिशन सिंह व साथियों ने शबद सुनाकर संगत को निहाल किया। समागम में ये रहे मौजूद

गुरुग्रंथ साहिब के पहले प्रकाश उत्सव पर आयोजित हुए समागम में भारी भीड़ उमड़ी। कार्यक्रम का संचालन हरविंदर सिंह ने किया। इस अवसर पर अमरजीत सिंह बिंद्रा, अमरजीत सिंह सेठी, नरेंद्र जीत सिंह कोहली, गुरुचरन सिंह प्रिंस, जसप्रीत सिंह, रंजीत सिंह आनंद, जगजीत सिंह, सोहन सिंह, रछपाल सिंह, फतेह सिंह, राजेन्द्र गुलाटी, जोगेंद्र सिंह, अवतार सिंह, कुलजीत सिंह, प्रितपाल सिंह, सुरजन सिंह, अमरीक सिंह ने कार्यक्रम संपन्न कराने में सहयोग किया।


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