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कॉर्बेट नेशनल पार्क तो फुल लेकिन सीतावनी जोन में इस सीजन घट गई पर्यटकों की संख्या

कॉर्बेट की बुकिंग फुल हो चुकी है लेकिन प्रसिद्ध सीतावनी पर्यटन जोन इस साल नुकसान में है। पहले रोजाना सीतावनी में डे सफारी पर जाने वाली सैकड़ों जिप्सियों की संख्या अब 24 तक सिमट गई है। माना जा रहा है कि पर्यटन पर कोविड का अब भी असर है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 07:57 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:57 AM (IST)
कॉर्बेट नेशनल पार्क तो फुल लेकिन सीतावनी जोन में इस सीजन घट गई पर्यटकों की संख्या

रामनगर, जेएनएन : कॉर्बेट पार्क खुलने के बाद बुकिंग फुल हो चुकी है लेकिन प्रसिद्ध सीतावनी पर्यटन जोन इस साल नुकसान में है। पहले रोजाना सीतावनी में डे सफारी पर जाने वाली सैकड़ों जिप्सियों की संख्या अब 24 तक सिमट गई है। माना जा रहा है कि पर्यटन पर कोविड का अब भी असर है। जिस वजह से पर्यटक कम आ रहे हैं। कम पर्यटक आने से राज्य सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है।

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रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत प्रसिद्ध सीतावनी पर्यटन जोन काॅर्बेट से कमतर नहीं है। साल के जंगल से आच्छादित इस जोन में वन्यजीव व पक्षी भी अच्छी तादाद में हैं। इस जोन में पर्यटकों की दिलचस्पी इस कदर थी कि एक दिन में दो पालियों में सुबह व शाम 600 से लेकर 700 जिप्सियों से पर्यटक यहां घूमने जाते थे। सीतावनी इतनी संख्या में घूमने जाने वाले पर्यटकों की वजह यह थी कि यहां घूमने के लिए काॅर्बेट की तरह एडवांस बुकिंग और परमिट की लिमिट संख्या नहीं थी।

आलम यह था कि जिप्सियां सीतावनी चली जाने की वजह से काॅर्बेट घूमने जाने वाले पर्यटकों को जिप्सियां नहीं मिल पाती थीं। कोविड की वजह से बंद हुआ सीतावनी जोन 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इन 15 दिनों में महज 350 जिप्सियों से 1750 पर्यटक गए। ऐसे में साफ है कि प्रतिदिन 24 जिप्सियां ही सीतावनी में सफारी के लिए जा रही हैं। कोसी रेंज के रेंजर ललित जोशी ने बताया कि सीतावनी सफारी के लिए बहुत कम लोग जा रहे हैं। पर्यटक कम आने की वजह से ऐसा हो रहा है।

ये है वन विभाग का शुल्क

प्रति पर्यटक -- 100 रुपये

प्रति जिप्सी रोड टैक्स -- 250 रुपए

जिप्सी बुकिंग शुल्क दो हजार रुपए पर्यटक को अलग देना होगा


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