हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा, अब पुलों से 100 मीटर की दूरी से शुरू होगा खनन
अब पुलों से 100 मीटर की दूरी से खनन कार्य हो सकेगा। पुलों से एक किमी के दायरे से बाहर खनन करने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है।
चम्पावत, विनय कुमार शर्मा : अब पुलों से 100 मीटर की दूरी से खनन कार्य हो सकेगा। पुलों से एक किमी के दायरे से बाहर खनन करने के हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खनन से जुड़े विभागों और कारोबारियों ने राहत की सांस ली है।
अक्टूबर 2016 में अरविंद कुमार नामक व्यक्ति ने सरकार की ओर से पुलों के 100 मीटर के दायरे में दी जा रही खनन कार्य की अनुमति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के निर्णय को निरस्त कर पुलों के 100 मीटर अप और डाउन स्ट्रीम की परिधि को बढ़ाकर एक किमी के बाहर खनन कार्य कराने के आदेश 17 अक्टूबर 2016 को दिए थे। जिस पर खनन विभाग ने पुल से एक किमी के दायरे में दिए गए पट्टों को निरस्त कर दिया था। हाई कोर्ट के इस फैसले को किच्छा निवासी आशीष सहगल ने चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। तीन जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया और पुलों के 100 मीटर के दायरे के बाहर से खनन कार्य करने की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद अब पुलों के 100 मीटर के दायरे को छोड़कर खनन कार्य किया जा सकता है। वहीं खनन विभाग ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल कराना शुरू कर दिया है।
खनन नीति में भी पुल से सौ मीटर के बाहर खनन की थी अनुमति
राज्य सरकार की खनन नीति के अनुसार भी पुल के अप व डाउन स्ट्रीम में सौ-सौ मीटर के बाद खनन करने का प्रावधान था लेकिन हाई कोर्ट ने सौ मीटर के दायरे को बढ़ाकर एक किमी कर दिया था। जिससे खनन पट्टा स्वामियों को काफी दिक्कत हो रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए फिर से राज्य सरकार के खनन नीति के नियम को बहाल कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कराया जाएगा पालन
राजपाल लेखा, खनन अधिकारी चम्पावत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलों के अप और डाउन स्ट्रीम के 100 मीटर के दायरे को छोड़ खनन की अनुमति दे दी है। हाई कोर्ट ने इस दायरे को एक किमी कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कराया जा रहा है। पुल से सौ मीटर के बाहर खनन पट्टे स्वीकृत किए जा सकेंगे।