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Uttarakhand Disaster News: आपदा के बाद बचाव कार्य के दौरान मिले नौ शव, कुमाऊं में मरने वालों की संख्या 49

Uttarakhand Disaster News बुधवार को मौसम साफ हुआ तो सेना प्रशासन स्वयं सेवी संगठन राहत व बचाव कार्य में जुट गए। इस बीच मलबे में दबे चम्पावत के छह व बागेश्वर में एक शव को निकाला गया। वहीं दारमा घाटी में दो की बर्फ में दबकर मौत हो गई।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 07:53 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 08:26 AM (IST)
नैनी झील का पानी अभी भी खतरे के निशान 12 फिट से ऊपर बना हुआ है।

टीम जागरण, हल्द्वानी। Uttarakhand Disaster News : कुमाऊं में दो दिन की बारिश से मची तबाही के बाद बुधवार को मौसम साफ हुआ तो सेना, प्रशासन, स्वयं सेवी संगठन राहत व बचाव कार्य में जुट गए। इस बीच मलबे में दबे चम्पावत के छह व बागेश्वर में एक शव को निकाला गया। वहीं, पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी दारमा घाटी में दो लोगों की बर्फ में दबकर मौत हो गई। इससे पूरे मंडल में प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 49 हो गई। मंगलवार देर शाम तक मृतकों की संख्या 40 ही थी। वहीं, नैनी झील का पानी लोवर माल रोड से नीचे आया है। हालांकि जलस्तर अभी भी खतरे के निशान 12 फिट से ऊपर ही बना हुआ है।

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चम्पावत जिले के सुल्लापासम गांव निवासी कैलाश सिंह पुत्र कुंवर सिंह, पत्नी चंचला देवी, पुत्र रोहित व भुवन पुराने घर में रुके थे, जो मूसलधार बारिश से टपकने लगा। इसपर मंगलवार को सभी नवनिर्मित मकान में चले गए। इस बीच देर रात भूस्खलन से मलबा नए मकान पर गिर गया, जिसमें चारों दब गए। बुधवार सुबह एसडीएम केएन गोस्वामी के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और सभी को बाहर निकाला। लेकिन तब तक चारों की मौत हो चुकी थी। यहीं कि तिलवाड़ा में मंगलवार को मलबे में दबे मां-बेटी के शव को भी रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाल लिया। वहीं, बागेश्वर के सिमकूना पोस्ट आफिस में तैनात डाकिया संजय कुमार पुत्र चंद्र राम का शव गधेरे से बरामद कर लिया। वह सोमवार को उफनाए भद्रवती गधेरा में बह गया था। पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी दारमा घाटी के चल गांव के शंकर सिंह पुत्र गोपाल सिंह व  दीपक चलाल पुत्र करण सिंह चलाल की थारथा बुग्याल में बर्फ में दब कर मौत हो गई है।

आपदा में नैनीताल व अल्मोड़ा जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। वहीं, ऊधम सिंह नगर में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इस बीच पूरे मंडल में 15 पुल बहे। चम्पावत-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे पर आवागमन ठप है। चम्पावत में चल्थी के पास नेशनल हाईवे का 150 मीटर हिस्सा ही नदी में समा गया है। नैनीताल जिले का मुक्तेश्वर और रामगढ़ क्षेत्र आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी रेस्क्यू में जुटी है। एयर फोर्स के दो हेलीकॉप्टर भी मोर्चा संभाले हैं। अभी पूरे मंडल में छह हाईवे व 92 संपर्क मार्ग बंद हैं। 217 मकान-दुकान आपदा में क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस सब के बीच 68 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

नैनीताल से करीब एक हजार पर्यटक सुबह मार्ग खुलते ही अपने गंतव्य को रवाना हो गए। जिम कार्बेट पार्क भी पूरी तरह से खाली है। बारिश से कार्बेट पार्क को भी काफी नुकसान हुआ है। सड़कें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पार्क वार्डन आरके तिवारी ने बताया कि ढेला व झिरना जोन में सड़क ठीक होने के आधार पर ही डे सफारी व नाइट स्टे गुरुवार या फिर शुक्रवार से शुरू की जा सकती है। अभी बिजरानी व गिरिजा पर्यटन जोन में सफारी व नाइट स्टे के लिए पर्यटकों को इंतजार करना पड़ेगा। संभवत: शनिवार से इन दो जोन में भी पर्यटन गतिविधि शुरू कर दी जाएगी।

इस सब के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार शाम आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हल्द्वानी पहुंचे। बुधवार सुबह उन्होंने ऊधम सिंह नगर व चम्पावत जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का भी हाल जाना। उन्होंने अधिकारियों को राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया। भरोसा दिया कि किसी भी संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी।


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